छोटे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ नहीं, प्यार भरा माहौल जरूरी: विभा झामदर्स की बड़ी जिम्मेदारी कि वह छोट बच्चों पर विशेष केयर करें.

जब भी पढ़ाई की बात होती है तो पैरेंट्स अक्सर बड़े बच्चों की पढ़ाई पर तो फोकस करते ही हैं छोटे बच्चों पर भी जाने अनजाने इतना बर्डन डाल देते हैं कि बच्चे परेशान हो जाते हैं। यूकेजी के एक 6 वर्षीय बच्चे की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है आखिर इसके पीछे कारण क्या है ? इस घटना का उल्लेख करते हुए सीबीएसई की डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर और केएच मेमोरियल स्कूल की प्रिंसिपल मेडम विभा झा ने इसका प्रमुख कारण बच्चों पर डाले जाने वाले अनावश्यक बर्डन को बताया। 


प्रिंसिपल मेडम ने छोटे बच्चों को की पढ़ाई पर किस तरफ फोकस किया जाए इसके लिए मदर्स को विशेष रूप से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि फादर्स के पास समय नहीं होता, इसलिए मदर्स की बहुत बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने छोटे बच्चों पर विशेष केयर करें। अक्सर देखा जाता है छोटे बच्चों को जब वे सुबह सोए रहते हैं उन्हें तेज आवाज से जगाया जाता है। या फिर उन्हें पीठ पर मारा जाता है। कई मदर्स पानी फेंक देती हैं।ऐसे में बच्चों की नींद अचानक खुलती है जो उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।


 इतनी जल्दबाजी होती है कि कई बच्चे तो ठीक से फ्रेश तक नहीं हो पाते। फिर जल्दबाजी के कारण ही मदर्स अक्सर उन्हें अन हाइजीनिक नाश्ता बनाकर दे देती हैं। छोटे बच्चे स्कूल में भी ठीक से नहीं खाते। जब वापस घर लौटते हैं तो कई मदर्स को देखा गया है कि गेट पर ही वे डायरी खोलकर देखने लगती हैं कि आज क्या पढ़ाई हुई है। जबकि होना यह चाहिए कि छोटे बच्चों को पहले आराम से नाश्ता वगैरा कराएं। ऐसा भी देखा गया है कि स्कूल से लौटते ही छोटे बच्चों को ट्यूशन भेज दिया जाता है। प्रिंसिपल मेडम का कहना था कि इतने छोटे बच्चों को ट्यूशन भेजने की कोई जरूरत नहीं है।


वजनी बैग, स्कूल, फिर ट्यूशन यह सब छोटे बच्चों पर काफी बर्डन हो जाता है। इस बर्डन को कम करने के लिए ही आजकल स्कूलों में एक दिन में एक ही सब्जेक्ट पढ़ाया जाता है। यह बर्डन कैसे कम हो इसके लिए मदर्स को छोटे बच्चों को घर के वातावरण में डालना जरूरी है। उनकी फिजिकल एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। छोटे बच्चों को एजुकेशनल एनवायरमेंट में ढालने की जरूरत है। बहुत ज्यादा उन पर पढ़ाई का जोर डालने की जरूरत नहीं। बच्चा खुश रहेगा और खेलेगा कुदेगा, हाइजीनिक भोजन करेगा तो उसका हेल्थ अच्छा रहेगा और उसका मन पढ़ाई में भी लगेगा।

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