रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा के उद्घाटन से पहले राजनीति में उबाल आ गया है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी ने उस समय बड़ा विरोध दर्ज कराया जब उद्घाटन कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र से “मिनी माता” का नाम गायब पाया गया। जोगी ने इसे नारी सशक्तिकरण, दलित सम्मान और छत्तीसगढ़ी अस्मिता पर प्रहार बताते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार की चेतावनी दी।“मिनी माता” का नाम हटाना — परंपरा और सम्मान पर सवालरायपुर के सिविल लाइन स्थित आवास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित जोगी ने भावुक अंदाज में कहा कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पुराने विधानसभा भवन को राज्य की पहली दलित सांसद “मिनी माता” के नाम पर समर्पित किया था।उन्होंने कहा — “यह सिर्फ एक नाम नहीं था, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की बेटी, दलित समाज और नारी सशक्तिकरण का प्रतीक था। लेकिन आज, नए विधानसभा भवन के उद्घाटन निमंत्रण से ‘मिनी माता’ का नाम गायब कर दिया गया है — यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता के साथ अन्याय है।”“यह भवन छत्तीसगढ़ की बेटी का ही रहेगा” — अमित जोगी का दो टूक बयानजोगी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, “निमंत्रण पत्र में ‘मिनी माता’ का नाम नहीं होना एक सुनियोजित षड्यंत्र या गंभीर भूल है। क्या प्रधानमंत्री इस भवन का नाम किसी और के नाम पर रखना चाहते हैं? लेकिन हम साफ कह रहे हैं — यह भवन छत्तीसगढ़ की बेटी मिनी माता का ही रहेगा।”उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि एक नया निमंत्रण जारी किया जाए, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा हो —“मिनी माता विधानसभा भवन, नया रायपुर”।कार्यक्रम का बहिष्कार करो” — जोगी की विधायकों से अपीलअमित जोगी ने आगे कहा कि अगर ‘मिनी माता’ का नाम पुनः नहीं जोड़ा गया तो वे राज्य के सभी विधायकों और पूर्व विधायकों से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करने की अपील करेंगे।उन्होंने कहा — “यह केवल एक राजनीतिक मामला नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और स्वाभिमान की लड़ाई है।”अंत में जला निमंत्रण — विरोध का प्रतीकप्रेस वार्ता के अंत में अमित जोगी ने प्रतीकात्मक विरोध जताते हुए नए विधानसभा उद्घाटन के निमंत्रण पत्र को आग के हवाले किया।उन्होंने कहा —“जब तक इस राज्य की मिट्टी में ‘मिनी माता’ का नाम गूंजता रहेगा, तब तक हम किसी भी ताकत को हमारी अस्मिता मिटाने नहीं देंगे।”राज्योत्सव और अस्मिता का संगम1 नवंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के अवसर पर नए विधानसभा भवन का उद्घाटन करने वाले हैं, ठीक उसी समय ‘मिनी माता’ के नाम को लेकर यह विवाद सियासी रंग ले चुका है।राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की नई पहचान के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन अब इसमें परंपरा बनाम राजनीति का टकराव दिखाई दे रहा है।विधानसभा उद्घाटन अब बना अस्मिता का मुद्दाबहरहाल यह विवाद आने वाले समय में दलित और महिला सम्मान की राजनीति का केंद्र बन सकता है। जहां एक ओर सरकार नए विधानसभा भवन को आधुनिक छत्तीसगढ़ का प्रतीक बताकर गौरव महसूस कर रही है, वहीं दूसरी ओर ‘मिनी माता’ का नाम हटना जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के लिए भावनात्मक और वैचारिक मुद्दा बन गया है।
“मिनी माता” का नाम हटाना — परंपरा और सम्मान पर सवाल
रायपुर के सिविल लाइन स्थित आवास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित जोगी ने भावुक अंदाज में कहा कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पुराने विधानसभा भवन को राज्य की पहली दलित सांसद “मिनी माता” के नाम पर समर्पित किया था।
उन्होंने कहा — “यह सिर्फ एक नाम नहीं था, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की बेटी, दलित समाज और नारी सशक्तिकरण का प्रतीक था। लेकिन आज, नए विधानसभा भवन के उद्घाटन निमंत्रण से ‘मिनी माता’ का नाम गायब कर दिया गया है — यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता के साथ अन्याय है।”
“यह भवन छत्तीसगढ़ की बेटी का ही रहेगा” — अमित जोगी का दो टूक बयान
जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, “निमंत्रण पत्र में ‘मिनी माता’ का नाम नहीं होना एक सुनियोजित षड्यंत्र या गंभीर भूल है। क्या प्रधानमंत्री इस भवन का नाम किसी और के नाम पर रखना चाहते हैं? लेकिन हम साफ कह रहे हैं — यह भवन छत्तीसगढ़ की बेटी मिनी माता का ही रहेगा।”उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि एक नया निमंत्रण जारी किया जाए, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा हो —“मिनी माता विधानसभा भवन, नया रायपुर”।
कार्यक्रम का बहिष्कार करो” — जोगी की विधायकों से अपील
अमित जोगी ने आगे कहा कि अगर ‘मिनी माता’ का नाम पुनः नहीं जोड़ा गया तो वे राज्य के सभी विधायकों और पूर्व विधायकों से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करने की अपील करेंगे।उन्होंने कहा — “यह केवल एक राजनीतिक मामला नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और स्वाभिमान की लड़ाई है।”
अंत में जला निमंत्रण — विरोध का प्रतीक
प्रेस वार्ता के अंत में अमित जोगी ने प्रतीकात्मक विरोध जताते हुए नए विधानसभा उद्घाटन के निमंत्रण पत्र को आग के हवाले किया।उन्होंने कहा —“जब तक इस राज्य की मिट्टी में ‘मिनी माता’ का नाम गूंजता रहेगा, तब तक हम किसी भी ताकत को हमारी अस्मिता मिटाने नहीं देंगे।”
राज्योत्सव और अस्मिता का संगम
1 नवंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के अवसर पर नए विधानसभा भवन का उद्घाटन करने वाले हैं, ठीक उसी समय ‘मिनी माता’ के नाम को लेकर यह विवाद सियासी रंग ले चुका है।राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की नई पहचान के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन अब इसमें परंपरा बनाम राजनीति का टकराव दिखाई दे रहा है।
विधानसभा उद्घाटन अब बना अस्मिता का मुद्दा
बहरहाल यह विवाद आने वाले समय में दलित और महिला सम्मान की राजनीति का केंद्र बन सकता है। जहां एक ओर सरकार नए विधानसभा भवन को आधुनिक छत्तीसगढ़ का प्रतीक बताकर गौरव महसूस कर रही है, वहीं दूसरी ओर ‘मिनी माता’ का नाम हटना जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के लिए भावनात्मक और वैचारिक मुद्दा बन गया है।
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