1992 में हुए घटना को याद करते हुए, शहीद दिवस मनाया जाता है, जिसमें शहीद हुए लोगों को पुष्प सुमन अर्पित कर, उन्हें याद किया और मजदूरों ने क्या रखी मांग सरकार से , देखे पूरी खबर

भिलाई । आज का दिन भिलाई का वह काला दिन हैं जो आज भी भिलाईवासी इस दिन की घटना को भूल नहीं पाते हैं ।  इस घटना ने ना केवल भिलाई को बल्कि देश को झंकझोर कर रख दिया था । बात हो रही है साल 1992 के मजदूर आंदोलन की । जब उस समय दुर्ग और भिलाई एक साथ संयुक्त था 17 लोगों की मौत हो गई थी, आज भिलाई के रेलवे स्टेशन छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सहादत हुए लोगों को श्रद्धांजलि व्यक्त किया।

जुलाई 1992 का वह दिन आज भी भिलाई के लोग कभी भूल नहीं पाते । इस दिन हजारों की तादाद में मजदूर भिलाई पावर हाउस के रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर एक पर बैठ गए थे.लंबे समय से मांगें पूरी नहीं होने से मजदूर आक्रोशित थे ।

मजदूरों को नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो गया था. छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भीमराव बागडे हैं कि पुलिस ने पावर हाउस से लेकर और खुर्सीपार से लेकर पावर हाउस तक मजदूरों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थी।

इस खूनी खेल में सैकड़ों लोग अपंग हो गए थे. पूरी तरह से डर और खौफ का माहौल बना दिया गया था. जिसकी वजह से हर साल आज के दिन 17 लोगों की मौत हुई थी ।

 उन्हें आज हम श्रद्धांजलि दे रहे हैं । 

 लेकिन सरकार से कई बार निवेदन किया, लेकिन परिवार के लोगों को अब तक कोई सरकारी नौकरी नहीं मिली सरकार ने खुद ही माना था, अनलीगल गोली चलाया गया था इनको सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। ऊंचे स्तर पर बैठक बुलाकर जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए।


Comments (0)

    Pls Add Data.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *