बीएम शाह अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ ने एक नवजात बच्चे की जान बचाई है। बच्चा प्रीमेच्योर पैदा हुआ था जिसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।शास्त्री नगर स्थित बीएम शाह हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक बार फिर से अपनी श्रेष्ठता साबित की है। अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने एक नवजात को नया जीवन प्रदान किया है। नवजात प्रीमेच्योर पैदा हुआ था जिसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी साथ ही मां का बीपी भी बढ़ा हुआ था। डॉक्टरों द्वारा इस स्थिति को देखते हुए बच्चे को सीपैक मशीन लगाई गई। लंग्स का वॉल्यूम बढ़ने की वजह से डॉक्टरों द्वारा इसे अपने पास उपलब्ध साधनों से नियंत्रित किया गया।इसके पश्चात बच्चे को ऑक्सीजन लगाई गई जिसे हटा दिया गया वही बच्चा दूध भी नहीं पचा पा रहा था जिसका तात्कालिक उपचार किया गया। अब बच्चे को मां के पास शिफ्ट कर दिया गया है। पूर्व में नवजात एनआईसीयू में भर्ती रहा। अब बच्चे का स्वास्थ्य ठीक होने के उपरांत उसे मां के पास वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। इसकी जानकारी बीएम शाह हॉस्पिटल के डॉक्टर ने दी।बच्चे के उपचार में एनआईसीयू के स्टाफ ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। बच्चे को सतत डॉक्टरों की निगरानी में रखकर उपचार किया गया जिसकी वजह से अब नवजात पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है इस उपलब्धि का श्रेय बीएम शाह हॉस्पिटल के डॉक्टरों और स्टाफ को जाता है।
शास्त्री नगर स्थित बीएम शाह हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक बार फिर से अपनी श्रेष्ठता साबित की है। अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने एक नवजात को नया जीवन प्रदान किया है। नवजात प्रीमेच्योर पैदा हुआ था जिसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी साथ ही मां का बीपी भी बढ़ा हुआ था। डॉक्टरों द्वारा इस स्थिति को देखते हुए बच्चे को सीपैक मशीन लगाई गई। लंग्स का वॉल्यूम बढ़ने की वजह से डॉक्टरों द्वारा इसे अपने पास उपलब्ध साधनों से नियंत्रित किया गया।इसके पश्चात बच्चे को ऑक्सीजन लगाई गई जिसे हटा दिया गया वही बच्चा दूध भी नहीं पचा पा रहा था जिसका तात्कालिक उपचार किया गया। अब बच्चे को मां के पास शिफ्ट कर दिया गया है। पूर्व में नवजात एनआईसीयू में भर्ती रहा। अब बच्चे का स्वास्थ्य ठीक होने के उपरांत उसे मां के पास वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। इसकी जानकारी बीएम शाह हॉस्पिटल के डॉक्टर ने दी।
बच्चे के उपचार में एनआईसीयू के स्टाफ ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। बच्चे को सतत डॉक्टरों की निगरानी में रखकर उपचार किया गया जिसकी वजह से अब नवजात पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है इस उपलब्धि का श्रेय बीएम शाह हॉस्पिटल के डॉक्टरों और स्टाफ को जाता है।
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