स्थापना दिवसः फुल टाइम गैस्ट्रोलॉजिस्ट की सेवा के साथ स्पर्श अस्पताल का नौवें वर्ष में प्रवेश

भिलाई। शहर का प्रतिष्ठित स्पर्श मल्टी स्पेशियल्टी हॉस्पिटल 25 फरवरी को अपना 9वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर स्पर्श हॉस्पिटल नई सुविधा शुरू करने जा रहा है। 25 फरवरी से अस्पताल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की सेवाएं पूरे समय मिलेंगी। अब तक यह सेवाएं ऑन कॉल या कुछ घंटों के लिए ही उपलब्ध थीं। नई सुविधा मिलने से पेट संबंधित समस्याओं के लिए मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। 

अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि 25 फरवरी को अस्पताल का 9वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके को और भी खास बनाने के लिए सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है। इसके तहत अस्पताल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग में नियमित डॉक्टर की नियुक्ति की जा रही है। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर अर्पण जैन नियमित रूप से अब स्पर्श हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं देंगे। नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाले डॉ. जैन ने जेएलएन हॉस्पिटल रायपुर से एमडी और दिल्ली के जीबी पंत हॉस्पिटल से डीएम की डिग्री हासिल की है। 

उल्लेखनीय है कि स्पर्श हॉस्पिटल में विश्व स्तरीय डॉक्टरों की टीम है जो हर तरह की जटिल बीमारियों का इलाज उचित दरों पर करती है। स्पर्श हॉस्पिटल द्वारा 8 साल में 2.25 लाख ओपीडी और 41,000 आईपीडी के अलावा 10,000 सर्जरी, 7000 आईसीयू, 3000 एंजियोग्राफी व 800 से ज्यादा एंजियोप्लास्टी कीं। ये अस्पताल के लिए बड़ी उपलब्धि है। 

स्पर्श हॉस्पिटल दुर्ग-भिलाई ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों राजनांदगांव, बालोद, कांकेर, बेमेतरा, बस्तर संभाग के ज़िलों में भी भरोसे का प्रतीक बना हुआ है। स्पर्श परिवार मानव जीवन को स्वस्थ बनाने और बेहतर से बेहतर चिकित्सीय सेवायें उपलब्ध करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

पेट से संबंधित जटिल बीमारियों को होगा सुगमता से इलाज

गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर की नियमित सेवाएं मिलने से मरीजों को पेट संबंधित बीमारियों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। स्पर्श हॉस्पिटल में अब हेपेटाइटिस, फैटी लीवर, पीलिया, लीवर की जटिल समस्या, पेट से संबंधित समस्या, खून की उल्टी, लंबे समय तक दस्त होने तथा पेट व आंत की टीबी जैसी बीमारियों का सुगमता से इलाज किया जाएगा। 

अब तक रायपुर में ही थी नियमित इलाज की सुविधा

पेट संबंधी बीमारियों के नियमित इलाज की सुविधा अब तक रायपुर में ही उपलब्ध थी। इसके चलते दुर्ग-भिलाई सहित बालोद, बेमेतरा, कांकेर, राजनांदगांव, बस्तर क्षेत्र के मरीजों को रायपुर भागना पड़ता था। लेकिन पेट संबंधी बीमारियों का बेहतर इलाज अब भिलाई में ही हो जायेगा।

(TNS)

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