रायपुर। प्रदेश के सबसे बड़े डाक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल के मरच्यूरी में शव रखने के जगह की दिक्कत देखी जा रही है। मैनपावर की समस्या के चलते पोस्टपार्टम और शाेध कार्य प्रभावित हो रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल के मरच्यूरी में दो डीप फ्रिजर हैं, जिसमें आठ शव रखे जा सकते हैं। लेकिन राजधानी समेत राज्यभर में जिस तरह से मामले सामने आते हैं। यहां 50 शव रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज रूम की जरूरत है। बता दें कि दूसरी लहर में दौरान एका-एक शव बढ़ने की वजह से अस्पताल में जगह ना होने से मृतकों के शव इधर उधर बिखरे होने की अमानवीय तस्वीरें सामने आ चुकी है। इसे देखते हुए विभाग से शासन को कोल्डस्टोरेज रूम को लेकर प्रस्ताव तो भेजा था। लेकिन अभी तक यह अधर में है। इधर पोस्टमार्टम की बात करें यहां हर दिन 10 से 15 पोस्टमार्टम होते हैं। लेकिन मैनपावर महज आधे से भी कम हैं। फोरेंसिक विभाग में प्रोफेसर के एक पद स्वीकृत हैं। लेकिन यह खाली है। एसोसिएट के दो पदों में एक पद रिक्त, असिस्टेंट प्रोफसर के तीन पदों में एक पद रिक्त और ट्यूटर के पांच पदों में दो पद रिक्त हैं। वहीं अन्य चिकित्सकों के पद मिलाकर 12 चिकित्सकों की आवश्यकता है। मैनपावर की समस्या के चलते पोस्टमार्टम के लिए दूर-दराज से आए हुए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। फोरेंसिक विभाग की विभागाध्यक्ष ने बताया कि हर माह औसत 300 पोस्ट मार्टम होते हैं। चिकित्सकों की कमी से काफी दबाव है। हमने पदों पर भर्ती की मांग की है। कोल्ड स्टोरेज रूम के लिए भी प्रस्ताव भेजा हैडाक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम की स्थितिवर्ष - पीएम2019 - 35002020 - 29002021 जून तक - 1800मरच्यूरी में शव रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज रूम के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। चिकित्सकों की भर्ती राज्य शासन स्तर पर किया जाना है।-डा. विनीत जैन, अधीक्षक, डाक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल, रायपुर
रायपुर। प्रदेश के सबसे बड़े डाक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल के मरच्यूरी में शव रखने के जगह की दिक्कत देखी जा रही है। मैनपावर की समस्या के चलते पोस्टपार्टम और शाेध कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल के मरच्यूरी में दो डीप फ्रिजर हैं, जिसमें आठ शव रखे जा सकते हैं। लेकिन राजधानी समेत राज्यभर में जिस तरह से मामले सामने आते हैं। यहां 50 शव रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज रूम की जरूरत है। बता दें कि दूसरी लहर में दौरान एका-एक शव बढ़ने की वजह से अस्पताल में जगह ना होने से मृतकों के शव इधर उधर बिखरे होने की अमानवीय तस्वीरें सामने आ चुकी है। इसे देखते हुए विभाग से शासन को कोल्डस्टोरेज रूम को लेकर प्रस्ताव तो भेजा था। लेकिन अभी तक यह अधर में है। इधर पोस्टमार्टम की बात करें यहां हर दिन 10 से 15 पोस्टमार्टम होते हैं। लेकिन मैनपावर महज आधे से भी कम हैं। फोरेंसिक विभाग में प्रोफेसर के एक पद स्वीकृत हैं। लेकिन यह खाली है। एसोसिएट के दो पदों में एक पद रिक्त, असिस्टेंट प्रोफसर के तीन पदों में एक पद रिक्त और ट्यूटर के पांच पदों में दो पद रिक्त हैं। वहीं अन्य चिकित्सकों के पद मिलाकर 12 चिकित्सकों की आवश्यकता है। मैनपावर की समस्या के चलते पोस्टमार्टम के लिए दूर-दराज से आए हुए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। फोरेंसिक विभाग की विभागाध्यक्ष ने बताया कि हर माह औसत 300 पोस्ट मार्टम होते हैं। चिकित्सकों की कमी से काफी दबाव है। हमने पदों पर भर्ती की मांग की है। कोल्ड स्टोरेज रूम के लिए भी प्रस्ताव भेजा है
डाक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम की स्थिति
वर्ष - पीएम2019 - 35002020 - 29002021 जून तक - 1800
मरच्यूरी में शव रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज रूम के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। चिकित्सकों की भर्ती राज्य शासन स्तर पर किया जाना है।
-डा. विनीत जैन, अधीक्षक, डाक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल, रायपुर
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