रायपुर। पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद के जन्मदिन के पर आज जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाई जाएगी। इसके लिए शहर के कई मोहल्लों ऐसी सजावट की गई है। प्रशासनिक अनुमति के अभाव में इस बार जुलूस तो नहीं निकलेगा, लेकिन परंपरा के अनुसार मस्जिदों में तकरीर और परचम कुशाई की रस्म जरूर अदा की जाएगी।आज सुबह की नमाज के बाद लोग एक-दूसरे को पैगंबरे इस्लाम के यौमे विलादत की मुबारकबाद देंगे। उनकी याद में घरों में फातिहा दिलाई जाएगी। शहर सीरत कमेटी की ओर से सीरत मैदान शास्त्री बाजार में सुबह 9 बजे परचम कुशाई की जाएगी। इसके बाद हफ्तेभर तक कई तरह के कार्यक्रम होंगे। इनमें अन्य राज्यों से आए मुस्लिम धर्मगुरुओं की तकरीर भी होगी। सभी कार्यक्रम कोरोना गाइडलाइन के तहत संपन्न होंगे। जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर मुस्लिम मोहल्लों में खास सजावट की गई है। मस्जिदों के साथ ही लोगों ने वार्डों की गलियों और घरों में भी रंगीन लाइट लगाई। देर रात तक उत्सव मौदहापारा, बैजनाथपारा, संजयनगर, ईदगाहभाठा, राजातालाब समेत कई मोहल्लों में देर रात तक लोगों का आना-जाना लगा रहा। वहां की सजावट देखने के लिए लोग आते रहे। इस दौरान लोगों ने नबी की शान में नात शरीफ भी पढ़ी। अलग-अलग मोहल्लों में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मस्जिदों और घरों में मिलाद शरीफ भी पढ़ी गई।(TNS)
रायपुर। पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद के जन्मदिन के पर आज जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाई जाएगी। इसके लिए शहर के कई मोहल्लों ऐसी सजावट की गई है। प्रशासनिक अनुमति के अभाव में इस बार जुलूस तो नहीं निकलेगा, लेकिन परंपरा के अनुसार मस्जिदों में तकरीर और परचम कुशाई की रस्म जरूर अदा की जाएगी।
आज सुबह की नमाज के बाद लोग एक-दूसरे को पैगंबरे इस्लाम के यौमे विलादत की मुबारकबाद देंगे। उनकी याद में घरों में फातिहा दिलाई जाएगी। शहर सीरत कमेटी की ओर से सीरत मैदान शास्त्री बाजार में सुबह 9 बजे परचम कुशाई की जाएगी। इसके बाद हफ्तेभर तक कई तरह के कार्यक्रम होंगे। इनमें अन्य राज्यों से आए मुस्लिम धर्मगुरुओं की तकरीर भी होगी। सभी कार्यक्रम कोरोना गाइडलाइन के तहत संपन्न होंगे। जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर मुस्लिम मोहल्लों में खास सजावट की गई है। मस्जिदों के साथ ही लोगों ने वार्डों की गलियों और घरों में भी रंगीन लाइट लगाई।
देर रात तक उत्सव
मौदहापारा, बैजनाथपारा, संजयनगर, ईदगाहभाठा, राजातालाब समेत कई मोहल्लों में देर रात तक लोगों का आना-जाना लगा रहा। वहां की सजावट देखने के लिए लोग आते रहे। इस दौरान लोगों ने नबी की शान में नात शरीफ भी पढ़ी। अलग-अलग मोहल्लों में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मस्जिदों और घरों में मिलाद शरीफ भी पढ़ी गई।
(TNS)
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