कवर्धा। जिले में विवाद थम गया, लेकिन सियासत नहीं थमी है। इस बीच आज पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने गृह जिला कवर्धा पहुंचे और हिंसा में भीड़ की मार खाने वाले दुर्गेश देवांगन के परिजनों से मुलाकात की। लापता दुर्गेश देवांगन के परिजनों का कहना है कि दुर्गेश को पुलिस अपने साथ ले गई थी। इसके बाद से हमने अपने बेटे को नहीं देखा। इसके विपरीत पुलिस का कहना है कि दुर्गेश पुलिस की कस्टडी में नहीं है। डॉ. रमन ने कहा कि यहां का पूरा का पूरा तंत्र मंत्री और सरकार के इशारे में काम कर रहा है।दुर्गेश के परिजनों से मुलाकर कर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दुर्गेश के माता-पिता और बहन से मुलाकात की। उनकी तकलीफ और पीड़ा को सुना। जिस हालत में उसे प्रताड़ित किया गया। 40-50 लोगों की भीड़ ने उसकी पिटाई की। वही आदमी एफआईआर करने जाता है, उसी को मार पड़ती है और उसी के खिलाफ तीन-तीन अलग धाराओं में जुर्म दर्ज होता है। अजीब है कवर्धा की पुलिस, यानी स्पष्ट हो गया कि कवर्धा की पुलिस सरकार के इशारे में गलत एफआईआर दर्ज करती है। उसका अपराध यही था कि भगवा ध्वज को पैरों से कुचल रहे थे, उसे रोकने का प्रयास किया। डॉ रमन ने कहा कि बहुसंख्यक समाज को जो दबाने की साजिश हो रही है इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।कवर्धा के लोगों को बंधक बनाने की साजिशः रमनपूर्व सीएम ने आगे कहा कि कवर्धा शहर शांति का टापू है और कवर्धा को मैं जलते हुए देख रहा हूँ। जेल में तबदील होते देख रहा हूँ। इससे पीड़ादायक मेरे लिए क्या होगा। कवर्धा के लोग आतंकित हो गए है। बोलने की हिम्मत नहीं है, भय खा गए हैं। ये कौन सा आतंक है, ये कौन सा भय है। कवर्धा के लोगों को बंधक बनाने की साजिश हो रही है।
कवर्धा। जिले में विवाद थम गया, लेकिन सियासत नहीं थमी है। इस बीच आज पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने गृह जिला कवर्धा पहुंचे और हिंसा में भीड़ की मार खाने वाले दुर्गेश देवांगन के परिजनों से मुलाकात की। लापता दुर्गेश देवांगन के परिजनों का कहना है कि दुर्गेश को पुलिस अपने साथ ले गई थी। इसके बाद से हमने अपने बेटे को नहीं देखा। इसके विपरीत पुलिस का कहना है कि दुर्गेश पुलिस की कस्टडी में नहीं है। डॉ. रमन ने कहा कि यहां का पूरा का पूरा तंत्र मंत्री और सरकार के इशारे में काम कर रहा है।
दुर्गेश के परिजनों से मुलाकर कर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दुर्गेश के माता-पिता और बहन से मुलाकात की। उनकी तकलीफ और पीड़ा को सुना। जिस हालत में उसे प्रताड़ित किया गया। 40-50 लोगों की भीड़ ने उसकी पिटाई की। वही आदमी एफआईआर करने जाता है, उसी को मार पड़ती है और उसी के खिलाफ तीन-तीन अलग धाराओं में जुर्म दर्ज होता है। अजीब है कवर्धा की पुलिस, यानी स्पष्ट हो गया कि कवर्धा की पुलिस सरकार के इशारे में गलत एफआईआर दर्ज करती है। उसका अपराध यही था कि भगवा ध्वज को पैरों से कुचल रहे थे, उसे रोकने का प्रयास किया। डॉ रमन ने कहा कि बहुसंख्यक समाज को जो दबाने की साजिश हो रही है इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कवर्धा के लोगों को बंधक बनाने की साजिशः रमन
पूर्व सीएम ने आगे कहा कि कवर्धा शहर शांति का टापू है और कवर्धा को मैं जलते हुए देख रहा हूँ। जेल में तबदील होते देख रहा हूँ। इससे पीड़ादायक मेरे लिए क्या होगा। कवर्धा के लोग आतंकित हो गए है। बोलने की हिम्मत नहीं है, भय खा गए हैं। ये कौन सा आतंक है, ये कौन सा भय है। कवर्धा के लोगों को बंधक बनाने की साजिश हो रही है।
TNS
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