भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान रायपुर द्वारा साहित्याचार्य डा.महेशचन्द्र शर्मा के भिलाई स्थित निवास में उनका विशेष सम्मान किया गया। इस्पात नगरी के विचारक और लेखक आचार्य डा.शर्मा के सम्मान के लिये संस्थान के प्रान्तीय साहित्य-कला संयोजक रामेश्वर शर्मा, छत्तीसगढ़ी साहित्य परिषद् के प्रादेशिक महासचिव कान्हा कौशिक एवं छ.ग. स्वाभिमान संस्थान रायपुर के राज्य उपाध्यक्ष (साहित्य प्रकोष्ठ) इन्द्रदेव यदु आदि भिलाई पहुँचे थे।देश-विदेश में भारतीय संस्कृति परक लेखन और उद्बोधनों के लिये प्रख्यात डा.शर्मा के स्मृतिनगर निवास पर पहुँचकर पुष्पहार, प्रशस्ति-पत्र एवं पुष्पगुच्छों से उनका विशेष सम्मान किया। देश और प्रदेश में समाज के लिये अपने गुणों से मार्गदर्शन करने और लेखन के लिये उनका अभिनन्दन करते हुये प्रशस्तिपत्र प्रदान किया। उनके उज्ज्वल भविष्य की शुमकामनायें भी दीं। ज्ञातव्य है कि चार दशक से अधिक की उच्च शिक्षा से भले ही हाल ही में सेवानिवृत्त हुये हों, किन्तु वे स्वाध्याय, लेखन और साहित्य सेवा में आज भी प्रवृत्त हैं। उम्र के अनुसार सेहत की छोटी -मोटी समस्यायें भी उन्हें पठन, अनुसन्धान और लेखन से निवृत्त नहीं कर पायेंगी ऐसी उम्मीद साहित्यप्रेमियों को है। उनके इसी उत्साह के कारण उनके निवास पर सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी डा.शर्मा को अक्षरचेतना सम्मान, सृजन शिक्षक सम्मान,ज्ञान ज्योति अलंकरण, कलमकार सम् मान, राष्ट्रभाषा अलंकरण और आउट स्टेटण्डिंग प्रिंसिपल ग्लोबल अवार्ड के अलावा उच्चशिक्षा विभाग छ.ग.शासन द्वारा शिखर अलंकरण से भी सम्मानित किया जा चुका है।(TNS)
भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान रायपुर द्वारा साहित्याचार्य डा.महेशचन्द्र शर्मा के भिलाई स्थित निवास में उनका विशेष सम्मान किया गया। इस्पात नगरी के विचारक और लेखक आचार्य डा.शर्मा के सम्मान के लिये संस्थान के प्रान्तीय साहित्य-कला संयोजक रामेश्वर शर्मा, छत्तीसगढ़ी साहित्य परिषद् के प्रादेशिक महासचिव कान्हा कौशिक एवं छ.ग. स्वाभिमान संस्थान रायपुर के राज्य उपाध्यक्ष (साहित्य प्रकोष्ठ) इन्द्रदेव यदु आदि भिलाई पहुँचे थे।
देश-विदेश में भारतीय संस्कृति परक लेखन और उद्बोधनों के लिये प्रख्यात डा.शर्मा के स्मृतिनगर निवास पर पहुँचकर पुष्पहार, प्रशस्ति-पत्र एवं पुष्पगुच्छों से उनका विशेष सम्मान किया। देश और प्रदेश में समाज के लिये अपने गुणों से मार्गदर्शन करने और लेखन के लिये उनका अभिनन्दन करते हुये प्रशस्तिपत्र प्रदान किया। उनके उज्ज्वल भविष्य की शुमकामनायें भी दीं। ज्ञातव्य है कि चार दशक से अधिक की उच्च शिक्षा से भले ही हाल ही में सेवानिवृत्त हुये हों, किन्तु वे स्वाध्याय, लेखन और साहित्य सेवा में आज भी प्रवृत्त हैं। उम्र के अनुसार सेहत की छोटी -मोटी समस्यायें भी उन्हें पठन, अनुसन्धान और लेखन से निवृत्त नहीं कर पायेंगी ऐसी उम्मीद साहित्यप्रेमियों को है। उनके इसी उत्साह के कारण उनके निवास पर सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी डा.शर्मा को अक्षरचेतना सम्मान, सृजन शिक्षक सम्मान,ज्ञान ज्योति अलंकरण, कलमकार सम् मान, राष्ट्रभाषा अलंकरण और आउट स्टेटण्डिंग प्रिंसिपल ग्लोबल अवार्ड के अलावा उच्चशिक्षा विभाग छ.ग.शासन द्वारा शिखर अलंकरण से भी सम्मानित किया जा चुका है।
(TNS)
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