नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अब आलाकमान अपना विकल्प तलाश रहा है। इस बीच कांग्रेस सांसद ने कुछ बड़ी बातें कही हैं और उनके निशाने पर सीधा सिद्धू नजर आए। मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में घटा, वो दुर्भाग्यपूर्ण था। अगर पंजाब की अस्थिरता पर किसी को खुशी है तो वो पाकिस्तान को है। उनको लगता है कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उनको फिर अपने काले मंसूबों को अंजाम देने का एक और मौका मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि मुझे ये बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं है कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी वो पंजाब को समझ नहीं पाए। चुनाव एक पहलू है पर राष्ट्रहित दूसरा पहलू है। पंजाब की राजनीतिक स्थिरता को बहाल करने की जरूरत है। कांग्रेस सांसद कहते हैं कि पंजाब के एक सांसद के रूप में, मैं पंजाब में होने वाली घटनाओं से बेहद व्यथित हूं। पंजाब में शांति अत्यंत कठिन थी। 1980-1995 में उग्रवाद और आतंकवाद से लड़ने के बाद पंजाब में शांति वापस लाने के लिए 25000 लोग, जिनमें से अधिकांश कांग्रेसी थे, ने स्वयं बलिदान दिया।(TNS)
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अब आलाकमान अपना विकल्प तलाश रहा है। इस बीच कांग्रेस सांसद ने कुछ बड़ी बातें कही हैं और उनके निशाने पर सीधा सिद्धू नजर आए। मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में घटा, वो दुर्भाग्यपूर्ण था। अगर पंजाब की अस्थिरता पर किसी को खुशी है तो वो पाकिस्तान को है। उनको लगता है कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उनको फिर अपने काले मंसूबों को अंजाम देने का एक और मौका मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे ये बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं है कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी वो पंजाब को समझ नहीं पाए। चुनाव एक पहलू है पर राष्ट्रहित दूसरा पहलू है। पंजाब की राजनीतिक स्थिरता को बहाल करने की जरूरत है। कांग्रेस सांसद कहते हैं कि पंजाब के एक सांसद के रूप में, मैं पंजाब में होने वाली घटनाओं से बेहद व्यथित हूं। पंजाब में शांति अत्यंत कठिन थी। 1980-1995 में उग्रवाद और आतंकवाद से लड़ने के बाद पंजाब में शांति वापस लाने के लिए 25000 लोग, जिनमें से अधिकांश कांग्रेसी थे, ने स्वयं बलिदान दिया।
(TNS)
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