पत्नी के निधन के बाद छोटे भाई के साथ रह रहे पूर्व मंत्री राजिन्दर पाल भाटिया ने घर में फांसी लगाकर जान दी

रमन सरकार के पहले कार्यकाल में थे परिवहन मंत्री


राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ सरकार में परिवहन मंत्री रहे राजनांदगांव निवासी राजिन्दर पाल भाटिया ने आज अपने छुरिया स्थित निवास में फांसी लगाकर जान दे दी। भाटिया लंबे समय से बीमार चल रहे थे। माना जा रहा है कि बीमारी से परेशान होने के कारण ही भाटिया ने आत्मघाती कदम उठाया। मुख्यमंत्री भूपेश बघ्ोल ने राजिन्दर पाल सिंह के निधन पर शोक जताया है और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।


राजनांदगांव की खुज्जी विधानसभा के पूर्व विधायक राजिन्दर पाल भाटिया पत्नी के निधन के बाद छुरिया में अपने छोटे भाई के साथ रहते थे। रविवार शाम करीब छह-सात बजे के करीब जब छोटे भाई घर पहुंचे तो भाटिया को एक कमरे के पंखे पर फांसी पर लटकते पाया। बताया जा रहा है कि वे स्वास्थ्यगत समस्याओं से जूझ रहे थे। कोरोना की चपेट में आने के बाद वे ठीक तो हो गए थे, लेकिन उन्हें लगातार सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि पुलिस परिजनों से मामले को लेकर पूछताछ कर रही है। 25 अक्टूबर 1949 को दिल्ली में जन्मे राजिन्दर पाल 72 साल के थे। उनकी स्कूली शिक्षा राजनांदगांव में हुई थी।


राजिन्दर पाल भाटिया का राजनीतिक सफर

वषर् 1978 से राजनीति में आने के दो साल बाद ही राजिन्दरपाल भाजपा के ब्लॉक बन गए थे। वे पहली बार 1993 में विधायक चुने गए। इसके बाद 1998 और 2003 में भी विधायक बने। 2003 के बाद ही वे राज्यमंत्री बनाए गए। इस दौरान परिवहन, वाणिज्य, उद्योग, ग्रामोद्योग विभाग उनके पास ही थे। 2014 के विधान सभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। इस पर राजिन्दरपाल ने निर्दलीय ताल ठोक दी। इसका भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ा। राजिन्दर पाल जीत तो नहीं सके, लेकिन भाजपा प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया। राजिन्दरपाल खुद दूसरे नंबर पर रहे, लेकिन कांग्रेस के भोलाराम साहू चुनाव जीत गए। 
(TNS)

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