कांकेर से पकड़े गए तेंदुए की पांच दिन बाद जंगल सफारी में मौत

रायपुर। कांकेर के चारामा क्षेत्र से पिछले रविवार को पकड़े गए दो तेंदुओं में से एक ने पांच दिन बाद शुक्रवार को रायपुर स्थित जंगल सफारी में दम तोड़ दिया। चारामा क्षेत्र के पलेवा व भैंसाकट्टा गांव से इन तेंदुओं को पिंजरे लगाकर पकड़ा गया था। इसके बाद इन दोनों जीवों को जंगल सफारी में रखा गया था।


कांकेर जिले के चारामा क्षेत्र के पलेवा-भैंसाकट्टा गांवों में पिछले एक महीने से तेंदुओं का आतंक था। तेंदुए दो लोगों की जान ले चुके थे। इनमें एक महिला और एक वृद्ध शामिल थे। इसके बाद ग्रामीणों ने विधायक से सुरक्षा की मांग की थी। इस पर विधायक मनोज सिंह मंडावी ने तेंदुओं को पकड़ने के लिए पहल की थी। ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए शनिवार को रायपुर से वन विभाग की टीम गांवों में पहुंची थी। टीम ने दोनों गांवों में पिंजरे लगाए थे। रात में ही ग्राम पलेवा और भैंसाकट्टा में लगाए गए पिजरों में एक-एक नर तेंदुआ फंस गया। दोनों तेंदुओं का जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद रविवार को दोनों को नंदन वन भेज दिया गया।


पलेवा में पकड़े गए तेंदुए की आयु करीब डेढ़ साल और भैंसाकट्टा में पकड़े गए तेंदुएं की उम्र करीब चार साल आंकी गई थी। इनमें से चार साल के तेंदुए की शुक्रवार को मौत हो गई। तेंदुए की मौत कैसे हुई, यह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगा। बता दें कि वन विभाग के डीएफओ ने कहा था कि क्षेत्र में और भी तेंदुए होने की संभावना है। इसलिए जंगल में कैमरे लगाए गए हैं। बाकी तेंदुओं को भी पिंजरे रखकर पकड़ने का प्रयास किया जाएगा। 
(TNS)

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