प्रदेश में होने वाली शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की रोक, 2019 में जारी किया गया था विज्ञापन

बिलासपुर। प्रदेश में साल 2019 को निकली शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर फ़िलहाल हाईकोर्ट की रोक लग गई है। जानकारी के अनुसार व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने लोक शिक्षण संचालनालय के जरिए 2019 में शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इसके अनुसार राज्य भर में 2896 पदों पर शिक्षकों की भर्ती किया जानी थी। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षक पद की आगामी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही राज्य शासन से जवाब तलब भी किया है। कोर्ट इस मामले में अब 2 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।  

हाईकोर्ट ने जिन पदों पर रोक लगाई है, उनमें अब तक 2 हजार के करीब शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है। कोर्ट ने कहा है कि जब तक मामले में फैसला नहीं हो जाता है तब तक बचे हुए खाली पदों पर भर्ती नहीं की जाएगी। याचिकाकर्ता एके रात्रे इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए थे, लेकिन जब साल 2021 में रात्रे को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया। तब उन्हें यह कहकर अयोग्य ठहरा दिया कि आपने केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा लोक शिक्षण की परीक्षा के बाद उत्तीर्ण की है। 

विभाग के इस निर्णय को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता ईशान वर्मा के माध्यम से चुनौती दी। इसमें कहा गया कि जिस प्रकार छत्तीसगढ़ टेट परीक्षा पास किए लोगों को चयन किया गया, जबकि उसका रिजल्ट लोक शिक्षण विभाग की परीक्षा के बाद 2020 में आया था। उसी तरह उनका भी सेलेक्शन किया जाए ,क्योंकि केंद्रीय टेट परीक्षा का परिणाम भी 2020 में आया है। (TNS)

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