बच्चों के साथ होने वाले मानसिक व शारीरिक आघात के प्रति हों सचेत, बच्चों को दें 'गुड टच व बैड टच' की जानकारी

अतुल शर्मा


कोरोना संक्रमण के संकटकाल का व्यापक असर बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है. लॉकडाउन के कारण  लगातार घर में रहने व स्कूलों व कोचिंग संस्थानों के नियमित नहीं खुलने के कारण उनकी दिनचर्या पर असर पड़ा है. उनके जीवनशैली में अचानक हुए इस बदलाव के कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है. ऐसे में बच्चों में कई नकारात्मक सोच उभरने की आशंका भी बढ़ी है. इस परिस्थिति में उन्हें भावनात्मक मदद मिलनी जरूरी है अन्यथा वह किसी बड़े शारीरिक व मानसिक आघात का शिकार हो सकते हैं. बच्चों को इस संकट से उबारने के लिए 'दी ब्लू ब्रिगेड', 'राष्ट्रीय सेवा योजना' एवं 'यूनिसेफ' ने मिलकर लोगों को इसके प्रति जागरूक करने व उन्हें बच्चों के प्रति उनकी नैतिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग बनाने के उद्देश्य से एक मार्गदर्शिका जारी की है. 

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