अतुल शर्माभारतीय जनता पार्टी ने अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। बंगाल चुनाव को वह बड़े ही आक्रामक ढंग से अपने चिरपरिचित अंदाज में लड़ने जा रही है।इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी सीएए, राष्ट्रवाद और ममता सरकार के कथित भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए उसमें हिंदुत्व का तड़का लगाएगी।भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को बारासात में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून अगले साल जनवरी से लागू हो सकता है।उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार शरणार्थियों के प्रति हमदर्दी नहीं रखती है।उत्तर 24 परगना जिले में पत्रकारों से बातचीत में विजयवर्गीय कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू हो जाएगी।केंद्र सरकार ने ईमानदार नीयत से इस विधेयक को पारित किया था।सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।आपको बता दें कि सीएए के खिलाफ और समर्थन में देश में काफी आंदोलन हुए।कोविड के संक्रमण से पहले दिल्ली का शाहीनबाग सीएए के खिलाफ खड़े प्रदर्शनकारियों का ठिकाना बन गया था। Game on! Embrace the spirit of sportsmanship Prev Push your limits, redefine what's possible Next
इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी सीएए, राष्ट्रवाद और ममता सरकार के कथित भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए उसमें हिंदुत्व का तड़का लगाएगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को बारासात में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून अगले साल जनवरी से लागू हो सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार शरणार्थियों के प्रति हमदर्दी नहीं रखती है।
उत्तर 24 परगना जिले में पत्रकारों से बातचीत में विजयवर्गीय कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू हो जाएगी।
केंद्र सरकार ने ईमानदार नीयत से इस विधेयक को पारित किया था।
सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
आपको बता दें कि सीएए के खिलाफ और समर्थन में देश में काफी आंदोलन हुए।
कोविड के संक्रमण से पहले दिल्ली का शाहीनबाग सीएए के खिलाफ खड़े प्रदर्शनकारियों का ठिकाना बन गया था।
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