उद्योगों को बांध और नदी – नालों से पानी लेने देना होगा तय शुल्क, होगी पूरी मॉनिटरिंग

अतुल शर्मा


एनीकट, भूजल, बांध,नदी नालों से पानी का उपयोग करने के वाले उद्योगों के लिए राज्य सरकार जलकर सख्ती से वसूल करेगी जिसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शुल्क देने में मनमानी करने वाले उद्योगों से राशि लेने के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना भी लाई गई है। जिसके अनुसार उद्योग यदि विभिन्न प्रायोजन के लिए नाले के पानी का उपयोग किया तो उन्हें 5 रुपए से 250 रुपए तक का शुल्क देना होगा। वर्तमान में 22 उद्योंगो को केंद्रीय जल आयोग की मंजूरी के बाद सर्वे का काम चल रहा है। जिन्हें मंजूरी मिल चुकी है और जिन्होंने मंजूरी के लिए आवेदन किया है उन्हें भी इस सर्वे में रखा गया है। किस उद्योग को कितना पानी चाहिए इसके लिए भी मीटर लगाने की व्यवस्था हो चुकी है। इससे अब तक पानी का दोहन करने वाले उद्योग जितना पानी का उपयोग करेंगे उसके हिसाब से उन्हें कर देना होगा। औद्योगिक प्रयोजन व ताप विद्युत प्रयोजन आदि के लिए औद्योगिक प्रयोजन के लिए बांध/जलाशय/बैराज/एनीकट आदि से लिए जाने वाले पानी पर 10.50 प्रति घन मीटर शुल्क लगेगा। नहर प्रणाली में नैसर्गिक स्रोत से लिए जाने वाले पानी के लिए 12.25 रुपए प्रति घनमीटर का शुल्क देना होगा। नदी, नाले के बहाव से यदि उद्योग सीधे तौर पर पानी ले रहे हैं तो उन्हें 5 रुपए प्रति घन मीटर की दर से व भूजल से लेने पर 10 रुपए प्रति घन मीटर की दर से जलकर देना होगा। इसी तरह कोल्ड ड्रिंक्स, मिनरल वाटर, शराब, बिजली परियोजनाओं के लिए विभिन्न श्रेणियों में जलकर तय किया गया है।

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