अतुल शर्माचक्रवात ‘निवार’ के बुधवार रात तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से टकराने के बाद गुरुवार तड़के इन दोनों प्रदेशों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश हुई। 130 से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और मूसलधार बारिश से जगह-जगह बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, पेड़ उखड़ गए, बिजली आपूर्ति व इंटरनेट सेवा बाधित हो गई और जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।तूफान जनित हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। हालांकि तूफान अब कमजोर पड़ गया है। हालात से निपटने के लिए तीनों राज्यों के तटीय इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 25 टीमें तैनात हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात करके केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र दोनों राज्यों की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है।तमिलनाडु सरकार के मुताबिक, निवार की वजह से राज्य में 101 घर क्षतिग्रस्त हो गए, 1,086 पेड़ उखड़ गए और केले की 14 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई। इसके अलावा 26 पशुओं की मौत हुई है। अधिकारियों का कहना है कि गिरे हुए सभी पेड़ों को हटा दिया गया है और बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम जारी है। चक्रवात से पहले मंगलवार को रोकी गईं बस सेवाओं को राज्य के सात जिलों में गुरुवार को बहाल कर दिया गया।इसके अलावा विमान, मेट्रो और उपनगरीय रेल सेवा भी बहाल कर दी गईं। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने गिरे हुए पेड़ों को हटाने और जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए ग्रेटर चेन्नई कारपोरेशन और ग्रेटर चेन्नई पुलिस की सराहना की। उन्होंने कुड्डालोर और कुछ अन्य इलाकों में चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित लोगों से मुलाकात भी की। राज्य में करीब 2.27 लाख लोगों को 3,085 राहत शिविरों में रखा गया है।केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है। चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से घरों में ही रहने और मछुआरों से समुद्र में नहीं जाने का अनुरोध किया। पुडुचेरी सरकार ने गुरुवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी। Game on! Embrace the spirit of sportsmanship Prev Push your limits, redefine what's possible Next
अतुल शर्मा
चक्रवात ‘निवार’ के बुधवार रात तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से टकराने के बाद गुरुवार तड़के इन दोनों प्रदेशों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश हुई। 130 से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और मूसलधार बारिश से जगह-जगह बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, पेड़ उखड़ गए, बिजली आपूर्ति व इंटरनेट सेवा बाधित हो गई और जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।
तूफान जनित हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। हालांकि तूफान अब कमजोर पड़ गया है। हालात से निपटने के लिए तीनों राज्यों के तटीय इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 25 टीमें तैनात हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात करके केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र दोनों राज्यों की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है।
तमिलनाडु सरकार के मुताबिक, निवार की वजह से राज्य में 101 घर क्षतिग्रस्त हो गए, 1,086 पेड़ उखड़ गए और केले की 14 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई। इसके अलावा 26 पशुओं की मौत हुई है। अधिकारियों का कहना है कि गिरे हुए सभी पेड़ों को हटा दिया गया है और बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम जारी है। चक्रवात से पहले मंगलवार को रोकी गईं बस सेवाओं को राज्य के सात जिलों में गुरुवार को बहाल कर दिया गया।
इसके अलावा विमान, मेट्रो और उपनगरीय रेल सेवा भी बहाल कर दी गईं। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने गिरे हुए पेड़ों को हटाने और जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए ग्रेटर चेन्नई कारपोरेशन और ग्रेटर चेन्नई पुलिस की सराहना की। उन्होंने कुड्डालोर और कुछ अन्य इलाकों में चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित लोगों से मुलाकात भी की। राज्य में करीब 2.27 लाख लोगों को 3,085 राहत शिविरों में रखा गया है।
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है। चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से घरों में ही रहने और मछुआरों से समुद्र में नहीं जाने का अनुरोध किया। पुडुचेरी सरकार ने गुरुवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी।
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