महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव के प्रयासों से 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था हुई दुरूस्त, पुराने ट्रांसफार्मर के स्थान पर लगाया गया 2000 केवीए का नया ट्रांसफार्मर, लोड सहन करने की क्षमता अधिक....

भिलाई नगर। महापौर एवं भिलाई नगर विधायक  देवेन्द्र यादव और निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी की मंशानुरूप 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट की व्यवस्था भी दुरुस्त हो गई है। 2000 केवीए उच्च क्षमता की ट्रांसफार्मर लगाए जाने से पैनल में लोड और बार-बार फॉल्ट की समस्या नहीं आएगी। बिना किसी रूकावट के प्लांट में बिजली की आपूर्ति होगी। निगम प्रशासन ने 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट में पुराने ट्रांसफार्मर के स्थान पर  2000 केवीए क्षमता की एक नग हाईटेंशन ट्रांसफार्मर लगावाया है। अब नए ट्रांसफार्मर से फिल्टर प्लांट में बिजली की आपूर्ति होगी। हर घर तक पर्याप्त मात्रा में शिवनाथ नदी का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की योजना पर पिछले कुछ साल से नगर पालिक निगम प्रशासन कार्य कर रही है। साथ ही 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट के पुराने मशीन और ट्रांसफार्मर के स्थान पर उच्च क्षमता के मोटर पंप और ट्रांसफार्मर लगवाने का निर्णय लिया था। निविदा प्रक्रिया के तहत निगम प्रशासन ने फिल्टर प्लांट में 2000-2000 केवीए क्षमता की हाईटेंशन ट्रांसफार्मर लगाने के लिए बिलासपुर की एजेंसी को नियुक्क्त किया था। एजेंसी ने 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट में एक नए ट्रांसफार्मर को इंस्टाल किया है दूसरा ट्रांसफार्मर भी पहुंच चुका है जिसे जल्द ही इंस्टाल किया जाएगा। 

स्टैंड बाय मोड पर कार्य करेगा एक ट्रांसफार्मर

जल कार्य विभाग के प्रभारी उप अभियंता बसंत साहू ने बताया कि नया ट्रांसफार्मर की क्षमता पहले से 400 एवं 600 केवीए अधिक है और नई टेक्नालॉजी का ट्रांसफार्मर है। इस ट्रांसफार्मर से एक साथ चार मोटर पंप सहित अन्य मशीनरी में बिजली की आपूर्ति करने पर भी लोड की समस्या नहीं आएगी। एक ट्रांसफार्मर को स्टैंड बाय मोड पर रखा जाएगा। कभी तकनीकी दिक्कत होने पर स्टैंड बाय मोड वाले ट्रांसफार्मर को चालू कर बिजली की आपूर्ति को बहाल कर लिया जाएगा। पुराने ट्रांसफार्मर की बात करें तो एक ट्रांसफार्मर 12 सौ केवीए और दूसरा ट्रांसफार्मर 16 सौ केवीए का लगा हुआ था! जिसे परिवर्तन कर नया ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है!

प्लांट के मशीनरी हो गए थे पुरान

77 एमएलडी फिल्टर के मोटर पंप और ट्रांसफार्मर काफी पुराना हो गया था। गर्मी में लोड बढऩे पर मोटर पंप जलने या तकनीकी समस्या बढ़ जाती थी। ट्रांसफार्मर या मोटर पंप की वजह से कई बार दो-दो दिन तक फिल्टर प्लांट को बंद करना पड़ा है। शहर में पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए महापौर देवेंद्र यादव और निगम आयुक्त  रघुवंशी ने पुराने मोटर पंप के स्थान पर 875 क्यूबिक प्रति घंटा की क्षमता की 6 नग नए मोटर पंप और 2000-2000 क्षमता की ट्रांसफार्मर लगाने का निर्णय लिया था। महापौर परिषद के निर्णय के अनुसार पहले पंप हाउस के सभी मोटर पंप को बदला गया। इसके बाद 19-19 लाख की लागत से नया ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है।

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