अतुल शर्मापुलिस अधिकारियों के नाम पर फेसबुक में फर्जी आईडी बनाकर ठगी का मामला सामने आया है। शातिर बदमाशों ने अब पुलिस अफसरों के नाम पर धोखाधड़ी शुरू कर दी है। फर्जी आईडी से उनके को परिचितों मैसेज भी किया गया। इससे पहले कि शातिर बदमाश अपने मंसूबों में कामयाब होते, मामला खुल गया है। छत्तीसगढ़ में पदस्थ एसपी और डीएसपी के नाम पर फेसबुक के जरिए रुपए मांगे जा रहे हैं। अब साइबर सेल में इसकी शिकायत की गई है। कोरबा के एसपी और आईपीएस अफसर अभिषेक मीणा, रायपुर पुलिस लाइन में पदस्थ डीएसपी मणिशंकर चंद्रा और प्रखर पांडेय के नाम से फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाए गए। इसके बाद फेसबुक मैसेंजर से उनके परिचितों से को मैसेज किया गया। इसमें रुपए की जरूरत बताई गई और मदद मांगी।मैसेज में ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करने की बात कही गई। हालांकि कुछ मैसेज में दोस्तों ने ऑनलाइन पेमेंट नहीं आता करने की बात कही और किसी को भेजकर रुपए लेने के लिए कहा। वहीं अफसरों के इस तरह रुपए मांगने पर कुछ अधिनस्थों और परिचितों को संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने कॉल कर संबंधित अफसर से पूछ लिया।फिलहाल तीनों अफसरों ने मामले को साइबर सेल को सौंप दिया है। इसके बाद अफसरों की ओर से दी गई फर्जी आईडी को ब्लॉक कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों के नाम पर फेसबुक में फर्जी आईडी बनाकर ठगी का मामला सामने आया है। शातिर बदमाशों ने अब पुलिस अफसरों के नाम पर धोखाधड़ी शुरू कर दी है। फर्जी आईडी से उनके को परिचितों मैसेज भी किया गया। इससे पहले कि शातिर बदमाश अपने मंसूबों में कामयाब होते, मामला खुल गया है। छत्तीसगढ़ में पदस्थ एसपी और डीएसपी के नाम पर फेसबुक के जरिए रुपए मांगे जा रहे हैं। अब साइबर सेल में इसकी शिकायत की गई है। कोरबा के एसपी और आईपीएस अफसर अभिषेक मीणा, रायपुर पुलिस लाइन में पदस्थ डीएसपी मणिशंकर चंद्रा और प्रखर पांडेय के नाम से फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाए गए। इसके बाद फेसबुक मैसेंजर से उनके परिचितों से को मैसेज किया गया। इसमें रुपए की जरूरत बताई गई और मदद मांगी।मैसेज में ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करने की बात कही गई। हालांकि कुछ मैसेज में दोस्तों ने ऑनलाइन पेमेंट नहीं आता करने की बात कही और किसी को भेजकर रुपए लेने के लिए कहा। वहीं अफसरों के इस तरह रुपए मांगने पर कुछ अधिनस्थों और परिचितों को संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने कॉल कर संबंधित अफसर से पूछ लिया।फिलहाल तीनों अफसरों ने मामले को साइबर सेल को सौंप दिया है। इसके बाद अफसरों की ओर से दी गई फर्जी आईडी को ब्लॉक कर दिया गया है।
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