13/07/2020- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपजों और वनौषधियों के वेल्यू एडिशन तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं के कौशल उन्नयन के क्षेत्र में काम करने की इच्छुक गैर सरकारी संगठनों को राज्य सरकार हर संभव सहयोग देगी। मुख्यमंत्री अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘पेन आईआईटी ग्लोबल ई-कॉनक्लेव’ में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इन क्षेत्रों में काम करने की काफी संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में काम करने की इच्छुक संस्थाओं का छत्तीसगढ़ में स्वागत है।
कॉन्क्लेव में राज्यसभा सांसद जयराम रमेश के साथ चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 44 प्रतिशत भू-भाग में वन हैं। यहां लघु वनोपजों और वनौषधियों की विपुल संपदा है। छत्तीसगढ़ में इनके अलावा फल-फूल, कृषि और उद्यानिकी फसलों का अच्छा उत्पादन होता है। कोदो-कुटकी सहित अनेक ऐसे उत्पाद हैं, जिनकी पूरी दुनिया में मांग है, यदि छत्तीसगढ़ के इन उत्पादों में वेल्यू एडिशन होता है तो स्थानीय युवाओं, महिलाओं को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे और उत्पादकों को उनकी कीमत का अच्छा मूल्य मिलेगा। मुख्यमंत्री ने आईआईटी संस्थाओं से सहयोग का आग्रह किया।
वनवासियों को रोजगार और आय का जरिया मुहैया कराने, नक्सली चुनौती से निपटने की राज्य सरकार की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कृषि-उद्यानिकी, लघु वनोपजों और वनौषधियों के व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार द्वारा बायर्स-सेलर्स मीट का आयोजन किया गया था, जिसमें अनेक देशों की 128 संस्थाओं ने हिस्सा लिया। राज्य सरकार द्वारा रायपुर में कार्गो परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय उड्डयन मंत्रालय से पहल की है।
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