नई दिल्ली। अमेरिका-तालिबान और अफगानिस्तान के लिए 29 फरवरी का दिन बेहद खास है। यही वो दिन है जब अफगानिस्तान में शांति बहाली को लेकर इन दोनों के बीच कोई समझौता हो सकता है। हालांकि, जिस तरह से तालिबान ने कुछ दिन पहले अफगानिस्तान में अमेरिकियों को निशाना बनाया है उससे इस समझौते पर भी आशंका के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं। इसके बावजूद यहां पर अमेरिका की मजबूरी भी आड़े आ रही है। भारत की नजर इस समझौते पर आज का दिन भारत के लिहाज से भी अहम है।क्योकि भारत भी तालिबान आतकियों से ग्रसित है।दरसल भारत नहीं चाहता कि तालिबान आंतकि संगठन अफगानिस्तान में अपनीी सरकार बनाए ।अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने से पाकिस्तान का हस्तक्षेप बढ जाएगा।
भारत की नजर इस समझौते पर
आज का दिन भारत के लिहाज से भी अहम है।क्योकि भारत भी तालिबान आतकियों से ग्रसित है।दरसल भारत नहीं चाहता कि तालिबान आंतकि संगठन अफगानिस्तान में अपनीी सरकार बनाए ।अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने से पाकिस्तान का हस्तक्षेप बढ जाएगा।
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