भिलाई.23/12/19.भिलाई इस्पात संयंत्र का एक्सपांशन प्रोजेक्ट चार एमटी से बढ़कर सात एमटी हुआ है या नही यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित भी किया. चौकाने वाली बात यह है कि क्या वास्तव में सात एमटी उत्पादन क्षमता है या नहीं यह अब तक पता नही चल पाया है. दावों की सच्चाई जानने के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल की एक उच्च स्तरीय कमेटी सत्यापन करके वापस जा चुकी है. भिलाई इस्पात संयंत्र के इस्पात भवन के एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि इस्पात उत्पादन प्रक्रिया, कन्वर्टर, कास्टर आदि का सत्यापन एक टीम करके जा चुकी है. टीम ने कहां और किस तरह की रिपोर्ट ली है, इसे अभी तक गुप्त रखा गया है. टीम की रिपोर्ट आने के बाद सच्चाई पता चलेगा कि आखिर में बीएसपी की उत्पादन क्षमता सात एमटी है की नहीं हैं. फिलहाल, रिपोर्ट को अभी आने में समय है. पूर्व में भिलाई इस्पात संयंत्र की चार मिलियन टन उत्पादन क्षमता थी.साल 2009-10 में नए एक्सपांशन प्रोजेक्ट के तहत इसे सात मिलियन टन करने का काम शुरू कर दिया, जो आज भी चल ही रह है. स्टील मेल्टिंग शॉप-3 में आज भी कई जॉब आधे-अधूरे हैं. एक्सपांशन प्रोजेक्ट के तहत जो सिस्टम इंस्टॉल किए गए, वे सात एमटी प्रोडक्शन कर सकते हैं या नहीं. इसी बात की जानकारी के लिए टीम ने यहां दौरा किया था. जितने प्रापोजल भेजे गए थे, उससे कितना ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है, इस पर भी फोकस किया जा रहा है. वहीं, सत्यापन के बारे में कहा जा रहा है कि सात एमटी से कम ही उत्पादन क्षमता हो सकती है. एक्सपांशन प्रोजेक्ट से जुड़े दावे में कितना दम है, रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा. एसएमएस-3 का एक और कन्वर्टर जल्द होगा चालूबीएसपी का एक्सपांशन प्रोजेक्ट अब तक पूरी तरह से तैयार नही है. स्टील मेल्टिंग शॉप-3 में तीन कास्टर ही लगे है. प्रोडक्शन चालू है. चौथा कास्टर लगना है. कब इसका उत्पादन शुरू होगा, यह भी तय नहीं है. एसएमएस-3 के तीन में से दो कन्वर्टर ही चल रहा है। वहीं, उत्पादन की बात की जाए तो एसएमएस-3 का कार्य पहले से कुछ सही रहा है. दस दिन पहले 31 हीट्स किया गया है. इसे 45 हीट्स तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. बता दें कि इसकी उत्पादन क्षमता 65 हीट्स की है. यहां दो कन्वर्टर और तीन कास्टर से बनाया गया. तीसरे कन्वर्टर का उत्पादन दो-तीन माह के भीतर शुरू हो सकता है. वहीं, चौथा कास्टर बनाने के लिए प्रक्रिया चल रही है.बीएसपी का अगला एक्सपांशन 12 एमटी तक बढ़ सकता हैसेल में नया एक्सपांशन प्रोजेक्ट भिलाई इस्पात संयंत्र से शुरू हो सकता है. अधिकारियों का यह कहना है कि अगले लक्ष्य 12 एमटी उत्पादन क्षमता का होगा और इसके लिए तैयारियां शुरू करदी गयी है. सेल से अनुमति मिलने के बाद आगे की रणनीति को कागजी रूप दिया जाएगा. वहीं, यह भी बताया जा रहा है कि अगला एक्सपांशन प्रोजेक्ट सेक्टर-3 और चार के आसपास के एरिया को कवर करेगा. सात मिलियन टन एक्सपांशन प्रोजेक्ट के कार्य को पूरा करने के लिए खुला स्थान नहीं मिला, जिस कारण खासा परेशानियों से भी जूझना पड़ा है, लेकिन अगर ग्रीन फील्ड होता तो प्रोजेक्ट को तय समय से पहले भी किया जा सकता था. यही वजह है कि साल 2009-10 में खरीदे गए सामान का अब उपयोग किया जा रहा है.भावी डायरेक्टर प्रोजेक्ट अनिर्बान पर होगी जिम्मेदारी सेल इकाइयों में होने वाले एक्सपांशन प्रोजेक्ट की अगली जिम्मेदारी बीएसपी के सीईओ व भावी डायरेक्टर प्रोजेक्ट अनिर्बान दास गुप्ता की होगी. अनिर्बान दास गुप्ता का चयन बतौर डायरेक्टर प्रोजेक्ट हो चुका है. फरवरी से नई जिम्मेदारी संभालेंगे. बीएसपी में रिक्त हो रहे सीईओ पद पर किसी का नाम सामने नहीं आया है. पिछले दिनों सेल के सीईओ पद पर कइयों का इंटरव्यू हो चुका है. रिजल्ट घोषित नहीं हो सका. वहीं, यह भी चर्चा है कि बीएसपी के पूर्व सीईओ एम. रवि को बहाल करते हुए एक माह का कार्यकाल दिया जा सकता है. इसका अंतिम फैसला सेल को ही करना पड़ेगा. फरवरी में एम. रवि रिटायर हो रहे हैं और गैस कांड के बाद इन्हें हटा दिया गया है. फाइंस की रकम भी खर्च होगी एक्सपांशन प्रोजेक्ट?बोकारो स्टील प्लांट के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सेल में नया एक्सपांशन शुरू होने वाला है. 35 मिलियन टन उत्पादन क्षमता करने का लक्ष्य रखा जा रहा है. इसके बाद 50 मिलियन टन का लक्ष्य तय होगा. बोकारो स्टील प्
भिलाई.23/12/19.
भिलाई इस्पात संयंत्र का एक्सपांशन प्रोजेक्ट चार एमटी से बढ़कर सात एमटी हुआ है या नही यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित भी किया. चौकाने वाली बात यह है कि क्या वास्तव में सात एमटी उत्पादन क्षमता है या नहीं यह अब तक पता नही चल पाया है. दावों की सच्चाई जानने के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल की एक उच्च स्तरीय कमेटी सत्यापन करके वापस जा चुकी है. भिलाई इस्पात संयंत्र के इस्पात भवन के एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि इस्पात उत्पादन प्रक्रिया, कन्वर्टर, कास्टर आदि का सत्यापन एक टीम करके जा चुकी है. टीम ने कहां और किस तरह की रिपोर्ट ली है, इसे अभी तक गुप्त रखा गया है. टीम की रिपोर्ट आने के बाद सच्चाई पता चलेगा कि आखिर में बीएसपी की उत्पादन क्षमता सात एमटी है की नहीं हैं. फिलहाल, रिपोर्ट को अभी आने में समय है. पूर्व में भिलाई इस्पात संयंत्र की चार मिलियन टन उत्पादन क्षमता थी.
साल 2009-10 में नए एक्सपांशन प्रोजेक्ट के तहत इसे सात मिलियन टन करने का काम शुरू कर दिया, जो आज भी चल ही रह है. स्टील मेल्टिंग शॉप-3 में आज भी कई जॉब आधे-अधूरे हैं. एक्सपांशन प्रोजेक्ट के तहत जो सिस्टम इंस्टॉल किए गए, वे सात एमटी प्रोडक्शन कर सकते हैं या नहीं. इसी बात की जानकारी के लिए टीम ने यहां दौरा किया था.
जितने प्रापोजल भेजे गए थे, उससे कितना ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है, इस पर भी फोकस किया जा रहा है. वहीं, सत्यापन के बारे में कहा जा रहा है कि सात एमटी से कम ही उत्पादन क्षमता हो सकती है. एक्सपांशन प्रोजेक्ट से जुड़े दावे में कितना दम है, रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा.
एसएमएस-3 का एक और कन्वर्टर जल्द होगा चालू
बीएसपी का एक्सपांशन प्रोजेक्ट अब तक पूरी तरह से तैयार नही है. स्टील मेल्टिंग शॉप-3 में तीन कास्टर ही लगे है. प्रोडक्शन चालू है. चौथा कास्टर लगना है. कब इसका उत्पादन शुरू होगा, यह भी तय नहीं है. एसएमएस-3 के तीन में से दो कन्वर्टर ही चल रहा है। वहीं, उत्पादन की बात की जाए तो एसएमएस-3 का कार्य पहले से कुछ सही रहा है. दस दिन पहले 31 हीट्स किया गया है. इसे 45 हीट्स तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. बता दें कि इसकी उत्पादन क्षमता 65 हीट्स की है. यहां दो कन्वर्टर और तीन कास्टर से बनाया गया. तीसरे कन्वर्टर का उत्पादन दो-तीन माह के भीतर शुरू हो सकता है. वहीं, चौथा कास्टर बनाने के लिए प्रक्रिया चल रही है.
बीएसपी का अगला एक्सपांशन 12 एमटी तक बढ़ सकता है
सेल में नया एक्सपांशन प्रोजेक्ट भिलाई इस्पात संयंत्र से शुरू हो सकता है. अधिकारियों का यह कहना है कि अगले लक्ष्य 12 एमटी उत्पादन क्षमता का होगा और इसके लिए तैयारियां शुरू करदी गयी है. सेल से अनुमति मिलने के बाद आगे की रणनीति को कागजी रूप दिया जाएगा. वहीं, यह भी बताया जा रहा है कि अगला एक्सपांशन प्रोजेक्ट सेक्टर-3 और चार के आसपास के एरिया को कवर करेगा. सात मिलियन टन एक्सपांशन प्रोजेक्ट के कार्य को पूरा करने के लिए खुला स्थान नहीं मिला, जिस कारण खासा परेशानियों से भी जूझना पड़ा है, लेकिन अगर ग्रीन फील्ड होता तो प्रोजेक्ट को तय समय से पहले भी किया जा सकता था. यही वजह है कि साल 2009-10 में खरीदे गए सामान का अब उपयोग किया जा रहा है.
भावी डायरेक्टर प्रोजेक्ट अनिर्बान पर होगी जिम्मेदारी
सेल इकाइयों में होने वाले एक्सपांशन प्रोजेक्ट की अगली जिम्मेदारी बीएसपी के सीईओ व भावी डायरेक्टर प्रोजेक्ट अनिर्बान दास गुप्ता की होगी. अनिर्बान दास गुप्ता का चयन बतौर डायरेक्टर प्रोजेक्ट हो चुका है. फरवरी से नई जिम्मेदारी संभालेंगे. बीएसपी में रिक्त हो रहे सीईओ पद पर किसी का नाम सामने नहीं आया है. पिछले दिनों सेल के सीईओ पद पर कइयों का इंटरव्यू हो चुका है. रिजल्ट घोषित नहीं हो सका. वहीं, यह भी चर्चा है कि बीएसपी के पूर्व सीईओ एम. रवि को बहाल करते हुए एक माह का कार्यकाल दिया जा सकता है. इसका अंतिम फैसला सेल को ही करना पड़ेगा. फरवरी में एम. रवि रिटायर हो रहे हैं और गैस कांड के बाद इन्हें हटा दिया गया है.
फाइंस की रकम भी खर्च होगी एक्सपांशन प्रोजेक्ट?
बोकारो स्टील प्लांट के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सेल में नया एक्सपांशन शुरू होने वाला है. 35 मिलियन टन उत्पादन क्षमता करने का लक्ष्य रखा जा रहा है. इसके बाद 50 मिलियन टन का लक्ष्य तय होगा. बोकारो स्टील प्
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