भिलाईनगर.06/12/2019. भिलाई में स्थित शहरी गोठान की अब बदल जाएगी हालत जिसके लिए महिला स्व सहायता समूह लगातार प्रयासरत है. वहीं कई समाजसेवी संगठन भी अपनी सेवा प्रदान क्र रहे हैं.आय का स्रोत बढ़ाने महिला स्व सहायता समूह को मशीन उपलब्ध कराया गया है जिसके प्रयास से अब गोबर डालने के पश्चात गोबर की लकड़ी निकलेगी. गोबर से निर्मित लकड़ी बेचकर आय आसन तरीके से अर्जित की जा सकती है। मवेशियों के स्वास्थ्य परीक्षण अलग-अलग चिकित्सक नियुक्त किए गए हैं.स्व सहायता समूह की महिलाएं गोठान के समीप ही होटल का संचालन कर रही है. जिसमें परंपरागत छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसा जा रहा है. चीला, फरा, रोटी, सब्जी, चाय, भजिया आदि व्यंजन होटल में उपलब्ध की गयी हैं. भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के समीप होने के कारण राहगीर यहां के व्यंजन का लुफ्त उठा रहे हैं.अब बाड़ी से भी होगी आय की स्रोत शासन के मुख्य प्रोजेक्ट नरवा, घुरवा, गरूवा और बाड़ी के तहत गौठान में बाड़ी का कार्य भी किया जा रहा है. जिसमें विभिन्ना प्रकार की सब्जियों का उत्पादन का काम चल रहा है. स्व सहायता समूह की महिलाएं इस बाड़ी में सब्जियां एवं फूल उगाकर तथा इसे विक्रय कर आय अर्जित करने का कार्य करेंगी.सामाजिक संगठन से सेवा प्रदान हुई प्रत्येक सप्ताह के रविवार को गोसेवक गोठान में उपस्थित होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनके द्वारा पशुओं को पौष्टिक चारा उपलब्ध कराया जाता है. इन गो सेवकों की टीम में बच्चो, युवा एवं बुजुर्ग सभी आयु के लोग शामिल हो रहे हैं जिससे शहरी गोठान बदल रहा हैं.
भिलाई में स्थित शहरी गोठान की अब बदल जाएगी हालत जिसके लिए महिला स्व सहायता समूह लगातार प्रयासरत है. वहीं कई समाजसेवी संगठन भी अपनी सेवा प्रदान क्र रहे हैं.आय का स्रोत बढ़ाने महिला स्व सहायता समूह को मशीन उपलब्ध कराया गया है जिसके प्रयास से अब गोबर डालने के पश्चात गोबर की लकड़ी निकलेगी. गोबर से निर्मित लकड़ी बेचकर आय आसन तरीके से अर्जित की जा सकती है। मवेशियों के स्वास्थ्य परीक्षण अलग-अलग चिकित्सक नियुक्त किए गए हैं.
स्व सहायता समूह की महिलाएं गोठान के समीप ही होटल का संचालन कर रही है. जिसमें परंपरागत छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसा जा रहा है. चीला, फरा, रोटी, सब्जी, चाय, भजिया आदि व्यंजन होटल में उपलब्ध की गयी हैं. भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के समीप होने के कारण राहगीर यहां के व्यंजन का लुफ्त उठा रहे हैं.
अब बाड़ी से भी होगी आय की स्रोत
शासन के मुख्य प्रोजेक्ट नरवा, घुरवा, गरूवा और बाड़ी के तहत गौठान में बाड़ी का कार्य भी किया जा रहा है. जिसमें विभिन्ना प्रकार की सब्जियों का उत्पादन का काम चल रहा है. स्व सहायता समूह की महिलाएं इस बाड़ी में सब्जियां एवं फूल उगाकर तथा इसे विक्रय कर आय अर्जित करने का कार्य करेंगी.
सामाजिक संगठन से सेवा प्रदान हुई
प्रत्येक सप्ताह के रविवार को गोसेवक गोठान में उपस्थित होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनके द्वारा पशुओं को पौष्टिक चारा उपलब्ध कराया जाता है. इन गो सेवकों की टीम में बच्चो, युवा एवं बुजुर्ग सभी आयु के लोग शामिल हो रहे हैं जिससे शहरी गोठान बदल रहा हैं.
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