भिलाईनगर.23/11/19- पृथक रिसाली निगम के लिए राजपत्र में प्रकाशन होते ही प्रथम महापौर बनने के लिए दावेदार सक्रिय हो गए हैं। गृहमंत्रि की भूमिका केंद्र बिंदु बन गई हैं। दावेदार उनके सामने तो खुद को पेश कर ही रहे हैं, साथ ही अपने लिए सुरक्षित वार्ड की तलाश भी कर रहे हैं।बता दें कि गृहमंत्री द्वारा की गई घोषणा के साल भर बाद ही रिसाली निगम अस्तित्व में आ गया। तेरह वार्ड इसमें शामिल भी कर लिए गए। कुछ ग्राम पंचायतों को इसमें जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही 15 दिन के भीतर दावा आपत्ति भी मंगाया गया है। बीएसपी सहित टाउनशिप के किस किस एरिया को इसमें शामिल किया जाना है इसे लेकर संस्पेंस बरकरार है, पर इधर प्रथम महापौर बनने के लिए नेताओं ने कवायद शुरू कर दी है। सुरक्षित वार्ड की तालाश में दावेदार ?कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के दावेदार सक्रिय हो गए हैं। हालांकि सक्रियता तो रिसाली के पृथक निगम बनने की सुगबुगाहट के साथ ही शुरू हो गई थी, पर राज्य शासन द्वारा महापौर का चुनाव पार्षदों द्वारा किए जाने की घोषणा के साथ इनके अभियान को झटका लगा। अब दावेदार अपने लिए सुरक्षित वार्ड तलाश रहे हैं।क्या गृहमंत्री के घर से होगा प्रथम महापौर ?शहर में इस बात की चर्चा जमकर है। कहा जा रहा है कि पृथक रिसाली निगम के लिए पूरा क्षेत्र गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का आभार मान रहा है। लिहाजा रिसाली निगम का प्रथम महापौर उन्हीं के घर से बनने की संभावना सबसे ज्यादा है। हालांकि गृहमंत्री के निवास से इसकी कोई सुगबुगाहट फिलहाल नहीं है।भाजपा बैकफुट पर ??पृथक रिसाली निगम की घोषणा से लेकर गठन तक सारा कुछ कांग्रेस ने किया है। लिहाजा भाजपा पूरी तरह से बैकफुट पर है। गुटबाजी से जूझ रही भाजपा के लिए रिसाली में महापौर बनाना इसलिए भी अहम हो जाता है कि यहां भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय तथा छत्तीसगढ़ की मंत्री रही रमशीला साहू का निवास स्थान है।इधर पार्षद ने लगाया साजिशकरने का आरोप -रिसाली जोन के वार्ड 62 के पार्षद रंग बहादुर सिंह ने राज्य शासन पर पृथक रिसाली निगम के साथ भेदभाव का आरोप लगा दिया है। पार्षद रंगबहादुर का कहना है कि बड़े राजस्व देने वाले क्षेत्र को रिसाली में शामिल नहीं करना साजिश का हिस्सा है। राज्य शासन नए रिसाली निगम का विकास नहीं चाहती।
भिलाईनगर.23/11/19- पृथक रिसाली निगम के लिए राजपत्र में प्रकाशन होते ही प्रथम महापौर बनने के लिए दावेदार सक्रिय हो गए हैं। गृहमंत्रि की भूमिका केंद्र बिंदु बन गई हैं। दावेदार उनके सामने तो खुद को पेश कर ही रहे हैं, साथ ही अपने लिए सुरक्षित वार्ड की तलाश भी कर रहे हैं।
बता दें कि गृहमंत्री द्वारा की गई घोषणा के साल भर बाद ही रिसाली निगम अस्तित्व में आ गया। तेरह वार्ड इसमें शामिल भी कर लिए गए। कुछ ग्राम पंचायतों को इसमें जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही 15 दिन के भीतर दावा आपत्ति भी मंगाया गया है। बीएसपी सहित टाउनशिप के किस किस एरिया को इसमें शामिल किया जाना है इसे लेकर संस्पेंस बरकरार है, पर इधर प्रथम महापौर बनने के लिए नेताओं ने कवायद शुरू कर दी है।
सुरक्षित वार्ड की तालाश में दावेदार ?
कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के दावेदार सक्रिय हो गए हैं। हालांकि सक्रियता तो रिसाली के पृथक निगम बनने की सुगबुगाहट के साथ ही शुरू हो गई थी, पर राज्य शासन द्वारा महापौर का चुनाव पार्षदों द्वारा किए जाने की घोषणा के साथ इनके अभियान को झटका लगा। अब दावेदार अपने लिए सुरक्षित वार्ड तलाश रहे हैं।
क्या गृहमंत्री के घर से होगा प्रथम महापौर ?
शहर में इस बात की चर्चा जमकर है। कहा जा रहा है कि पृथक रिसाली निगम के लिए पूरा क्षेत्र गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का आभार मान रहा है। लिहाजा रिसाली निगम का प्रथम महापौर उन्हीं के घर से बनने की संभावना सबसे ज्यादा है। हालांकि गृहमंत्री के निवास से इसकी कोई सुगबुगाहट फिलहाल नहीं है।
भाजपा बैकफुट पर ??
पृथक रिसाली निगम की घोषणा से लेकर गठन तक सारा कुछ कांग्रेस ने किया है। लिहाजा भाजपा पूरी तरह से बैकफुट पर है। गुटबाजी से जूझ रही भाजपा के लिए रिसाली में महापौर बनाना इसलिए भी अहम हो जाता है कि यहां भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय तथा छत्तीसगढ़ की मंत्री रही रमशीला साहू का निवास स्थान है।
इधर पार्षद ने लगाया साजिशकरने का आरोप -
रिसाली जोन के वार्ड 62 के पार्षद रंग बहादुर सिंह ने राज्य शासन पर पृथक रिसाली निगम के साथ भेदभाव का आरोप लगा दिया है। पार्षद रंगबहादुर का कहना है कि बड़े राजस्व देने वाले क्षेत्र को रिसाली में शामिल नहीं करना साजिश का हिस्सा है। राज्य शासन नए रिसाली निगम का विकास नहीं चाहती।
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