भिलाईनगर. 1/11/2019. जिस योजना को भिलाई के लिए अमृत माना जा रहा है उसका पानी अगले सात तक आप मिल पाना मुुश्किल दिख रहा है। 247 करोड़ की योजना में इतना पेंच है कि इस सुलझाने में ही साल भर और लगने का अंदेशा है। इंजीनियर दिमाग लगा रहे हैं, पर खामियों नहीं मिल पा रही है। पानी 17 मीटर की ऊंचाई तक फोर्स के साथ आखिर क्यों नहीं पहुंच पा रहा है यह पहेली बन गई है। इस पेंच को सुलझाने में साल भर लग सकता है। अब एक साल भिलाई निगम पानी के लिए तरसता रहेगा। सन् 2020 के बाद शिवनाथ का पानी नसीब हो सकेगा। दरअसल राइजिंग पाइप लाइन में लोगों ने इतने छेद कर दिए हैं, कि वह इंजीनियरों की पकड़ में भी नहीं आ पा रहा है। लिहाजा टेस्टिंग में फोर्स के साथ 17 मीटर ऊंचाई तक पानी पहुंंचने का मामला फेल होता नजर आ रहा है।पूर्व राज्य मंत्री बीडी कुरैशी ने 2002-03 में फेस टू के नाम से उक्त योजना बनवाई थी। मकसद था कि खुर्सीपार व छावनी एरिया को भरपूर पानी मिल सके। जोगी सरकार जाते ही कुरैशी की यह योजना भी अधर में लटक गई। पूर्व महापौर निर्मला यादव के कार्यकाल में स्मार्ट सिटी योजना के तहत योजना को सवीकृति मिली। पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने शिवनाथ का पानी भिलाई लाने के लिए प्रयास शुरू किया।खुर्सीपार व छावनी इलाके में भरपूर पानी मिल सके इसके लिए छावनी में 6.5 एमएलडी का फिल्टर प्लांट बनवाया गया। केंद्र सरकार ने अमृत मिशन योजना फेस-2 के नाम से 247 करोड़ की राशि स्वीकृत की।नेहरू नगर में 66 एमएलडी फिल्टर प्लांट बन रहा है। यह काम 80 प्रतिशत ही पूरा हो सका है। भिलाई निगम क्षेत्र में पहले से मौजूद 10 ओवरहेड टंकियों के अलावा 12 टंकियों के निर्माण का काम भी चल रहा है। छावनी की टंकी ही पूरी बन सकी है, शेष टंकियों का निर्माण जारी है। मेन राइजिंग पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है, घर-घर कनेक्शन देने का काम 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है।अमृत मिशन योजना फेस-2 का काम अक्टूबर 2019 तक पूरा हो जाना चाहिए था। हालांकि इस योजना के तहत घर-घर शिवनाथ नदी का पानी पहुंंचाने का दावा दो बार अटका। पहले मई-जून 2018 का टारगेट रखा गया था। फिर कहा गया कि अक्टूबर 2019 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। अब कहा जा रहा है कि 2020 तक योजना चलती रहेगी।अमृत मिशन योजना के शुरुआत में यह दावा किया गया था कि इस योजना में पानी 17 मीटर तक पूरे फोर्स के साथ ऊपर जाएगा। दरअसल इसके पीछे मंशा यह थी कि 18 मीटर तक ऊंचाई वाले घरों तक पानी पहुंचाने में मोटर पंप का सहारा न लेना पड़े। पर टेस्टिंग में यह फेल हो गया। 17 मीटर तक फोर्स के साथ पानी जा ही नहीं पा रहा है। इंजीनियर इसी को समझने में दिमाग खपा रहे हैं कि आखिर ऐसा हुआ क्यों।घर-घर तक कनेक्शन देने के लिए बिछाई गई राइजिंग पाइप लाइन में लोगों ने वैध कनेेक्शन लेने के पहले ही इतने अवैध कनेक्शन ले लिए की पाइप लाइन में प्रेशर ही नहीं बन पा रहा है। इसलिए पानी फोर्स के साथ 17 मीटर की ऊंचाई तक नहीं पहुंच पा रहा है। दूसरी वजह राइजिंग पाइप लाइन से घर-घर कनेक्शन के लिए हरे रंग की पाइप बिछाई जानी थी। जिसे बदलकर गुणवत्ताहीन नीले रंग की कम गेज की पाइप बिछ दी गई। योजना पूरा होने को लेकर पहले किसने क्या कहा यह तो नहीं पता, पर सन् 2020 तक का लक्ष्य तो केंद्र सरकार ने रखा है। जो भी कमी है उसे समय पर दूर करने प्रयास जारी है। आयुक्त का कहना है कि 2020 तक यह योजना पूर्ण हो जाएगी।
भिलाईनगर. 1/11/2019. जिस योजना को भिलाई के लिए अमृत माना जा रहा है उसका पानी अगले सात तक आप मिल पाना मुुश्किल दिख रहा है। 247 करोड़ की योजना में इतना पेंच है कि इस सुलझाने में ही साल भर और लगने का अंदेशा है। इंजीनियर दिमाग लगा रहे हैं, पर खामियों नहीं मिल पा रही है। पानी 17 मीटर की ऊंचाई तक फोर्स के साथ आखिर क्यों नहीं पहुंच पा रहा है यह पहेली बन गई है। इस पेंच को सुलझाने में साल भर लग सकता है। अब एक साल भिलाई निगम पानी के लिए तरसता रहेगा। सन् 2020 के बाद शिवनाथ का पानी नसीब हो सकेगा। दरअसल राइजिंग पाइप लाइन में लोगों ने इतने छेद कर दिए हैं, कि वह इंजीनियरों की पकड़ में भी नहीं आ पा रहा है। लिहाजा टेस्टिंग में फोर्स के साथ 17 मीटर ऊंचाई तक पानी पहुंंचने का मामला फेल होता नजर आ रहा है।
पूर्व राज्य मंत्री बीडी कुरैशी ने 2002-03 में फेस टू के नाम से उक्त योजना बनवाई थी। मकसद था कि खुर्सीपार व छावनी एरिया को भरपूर पानी मिल सके।
जोगी सरकार जाते ही कुरैशी की यह योजना भी अधर में लटक गई।
पूर्व महापौर निर्मला यादव के कार्यकाल में स्मार्ट सिटी योजना के तहत योजना को सवीकृति मिली।
पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने शिवनाथ का पानी भिलाई लाने के लिए प्रयास शुरू किया।
खुर्सीपार व छावनी इलाके में भरपूर पानी मिल सके इसके लिए छावनी में 6.5 एमएलडी का फिल्टर प्लांट बनवाया गया।
केंद्र सरकार ने अमृत मिशन योजना फेस-2 के नाम से 247 करोड़ की राशि स्वीकृत की।
नेहरू नगर में 66 एमएलडी फिल्टर प्लांट बन रहा है। यह काम 80 प्रतिशत ही पूरा हो सका है।
भिलाई निगम क्षेत्र में पहले से मौजूद 10 ओवरहेड टंकियों के अलावा 12 टंकियों के निर्माण का काम भी चल रहा है। छावनी की टंकी ही पूरी बन सकी है, शेष टंकियों का निर्माण जारी है।
मेन राइजिंग पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है, घर-घर कनेक्शन देने का काम 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
अमृत मिशन योजना फेस-2 का काम अक्टूबर 2019 तक पूरा हो जाना चाहिए था। हालांकि इस योजना के तहत घर-घर शिवनाथ नदी का पानी पहुंंचाने का दावा दो बार अटका। पहले मई-जून 2018 का टारगेट रखा गया था। फिर कहा गया कि अक्टूबर 2019 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। अब कहा जा रहा है कि 2020 तक योजना चलती रहेगी।
अमृत मिशन योजना के शुरुआत में यह दावा किया गया था कि इस योजना में पानी 17 मीटर तक पूरे फोर्स के साथ ऊपर जाएगा। दरअसल इसके पीछे मंशा यह थी कि 18 मीटर तक ऊंचाई वाले घरों तक पानी पहुंचाने में मोटर पंप का सहारा न लेना पड़े। पर टेस्टिंग में यह फेल हो गया। 17 मीटर तक फोर्स के साथ पानी जा ही नहीं पा रहा है। इंजीनियर इसी को समझने में दिमाग खपा रहे हैं कि आखिर ऐसा हुआ क्यों।
घर-घर तक कनेक्शन देने के लिए बिछाई गई राइजिंग पाइप लाइन में लोगों ने वैध कनेेक्शन लेने के पहले ही इतने अवैध कनेक्शन ले लिए की पाइप लाइन में प्रेशर ही नहीं बन पा रहा है। इसलिए पानी फोर्स के साथ 17 मीटर की ऊंचाई तक नहीं पहुंच पा रहा है। दूसरी वजह राइजिंग पाइप लाइन से घर-घर कनेक्शन के लिए हरे रंग की पाइप बिछाई जानी थी। जिसे बदलकर गुणवत्ताहीन नीले रंग की कम गेज की पाइप बिछ दी गई।
योजना पूरा होने को लेकर पहले किसने क्या कहा यह तो नहीं पता, पर सन् 2020 तक का लक्ष्य तो केंद्र सरकार ने रखा है। जो भी कमी है उसे समय पर दूर करने प्रयास जारी है। आयुक्त का कहना है कि 2020 तक यह योजना पूर्ण हो जाएगी।
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