दुर्ग. 1/11/2019. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से हर साल आयोजित होने वाले राज्योत्सव के लिए पहली बार दुर्ग जिले से बल नहीं भेजा गया है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री समेत पांच मंत्रियों का गृह जिला होने के कारण मुख्यालय ने दुर्ग से बल की डिमांड नहीं की है। यहां से सिर्फ संसाधन मांगे गए थे, जिसे रवाना किया जा चुका है। आयोजन संपन्ना होने के बाद वे संसाधन वापस जिले में लौट आएंगे।इस बार के राज्योत्सव के लिए पुलिस मुख्यालय से 30 बेरीकेड्स और तीन डीएफएमडी (डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर) गेट की डिमांड भेजी आई थी। जिसके हिसाब से जिले से उक्त संसाधनों को रायपुर भेज दिया गया है। रायपुर में होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम के लिए दुर्ग जिले के छोड़कर बाकी के कुछ जिलों से पुलिस बल मांगा गया है। इस बार दुर्ग जिले से मुख्यमंत्री और गृहमंत्री बनने के बाद से यह जिला वीआइपी हो चुका है। यहां पर लगातार वीआइपी लोगों की आवाजाही बनी रहती है। लिहाजा पुलिस मुख्यालय की ओर से दुर्ग जिले से एक भी बल नहीं मांगा गया है।राज्योत्सव में पुलिस विभाग से तो बल रायपुर नहीं भेजा गया है, लेकिन नगर सैनिकों की जरूर ड्यूटी लगी है। नगर सेना के जिला सेनानी एसडी विश्वकर्मा ने बताया कि बल की मांग आने के बाद यहां से 40 जवानों को रायपुर भेजा गया है। जवानों के साथ वे खुद भी चार नवंबर तक रायपुर में ही रहेंगे।इस बार राज्योत्सव के लिए मुख्यालय से बल की मांग नहीं आई है। जितने संसाधन मांगे गए थे, वे सभी पुलिस लाइन से भेज दिए गए हैं।
दुर्ग. 1/11/2019. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से हर साल आयोजित होने वाले राज्योत्सव के लिए पहली बार दुर्ग जिले से बल नहीं भेजा गया है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री समेत पांच मंत्रियों का गृह जिला होने के कारण मुख्यालय ने दुर्ग से बल की डिमांड नहीं की है। यहां से सिर्फ संसाधन मांगे गए थे, जिसे रवाना किया जा चुका है। आयोजन संपन्ना होने के बाद वे संसाधन वापस जिले में लौट आएंगे।
इस बार के राज्योत्सव के लिए पुलिस मुख्यालय से 30 बेरीकेड्स और तीन डीएफएमडी (डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर) गेट की डिमांड भेजी आई थी। जिसके हिसाब से जिले से उक्त संसाधनों को रायपुर भेज दिया गया है। रायपुर में होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम के लिए दुर्ग जिले के छोड़कर बाकी के कुछ जिलों से पुलिस बल मांगा गया है। इस बार दुर्ग जिले से मुख्यमंत्री और गृहमंत्री बनने के बाद से यह जिला वीआइपी हो चुका है। यहां पर लगातार वीआइपी लोगों की आवाजाही बनी रहती है। लिहाजा पुलिस मुख्यालय की ओर से दुर्ग जिले से एक भी बल नहीं मांगा गया है।
राज्योत्सव में पुलिस विभाग से तो बल रायपुर नहीं भेजा गया है, लेकिन नगर सैनिकों की जरूर ड्यूटी लगी है। नगर सेना के जिला सेनानी एसडी विश्वकर्मा ने बताया कि बल की मांग आने के बाद यहां से 40 जवानों को रायपुर भेजा गया है। जवानों के साथ वे खुद भी चार नवंबर तक रायपुर में ही रहेंगे।
इस बार राज्योत्सव के लिए मुख्यालय से बल की मांग नहीं आई है। जितने संसाधन मांगे गए थे, वे सभी पुलिस लाइन से भेज दिए गए हैं।
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