रेलवे कॉलोनी का चिल्ड्रन पार्क बन गया उजाड़

दुर्ग. 31/10/2019. रेलवे मंडल तथा स्टेशन प्रबंधक की लापरवाही का ही परिणाम है कि रेलवे कर्मियों के परिवार वालों की सुविधा के लिए बनाया गया उद्यान उजाड़ हो गया है. शाम के समय कॉलोनी में रहने वाले बच्चों के खेलने व मनोरंजन का एकमात्र सहारा चिल्ड्रन पार्क भी उनसे छीन गया है. मजबूरी में कर्मियों के बच्चे सड़क पर खेलने को मजबूर हैं. वहीं रहवासियों का कहना है कि सड़क पर वाहनों के हमेशा आवाजाही के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बने रहती है. स्टेशन के दोनों ओर कर्मियों के निवास के लिए सैकड़ों आवास का निर्माण किया गया था. कर्मियों के परिवार वालों को स्वस्थ मनोरंजन प्राप्त हो सके इसके लिए आरपीएफ थाना के सामने वर्ष 2011 में पार्क बनाकर यहां फिसलपट्टी, झूले आदि लगाए गए थे. रंग बिरंगे फूलों के पौधों से चिल्ड्रन पार्क सुंदरता बिखेरता था. समय के साथ-साथ प्रबंधन की लापरवाही भारी पड़ती चली गई. वर्ष 2014 से ही यह पार्क उजाड़ हो गया है. झूलों को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया है. वहीं कई झूले व फिसलपट्टी जंग लगकर टूट गई है. दो वर्ष पूर्व यहां पर शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों के कारण रेलवे प्रशासन द्वारा पार्क को चारों ओर से दीवार से घेरकर गेट लगा दिया गया है. इसमें ताला लटक रहा है. कर्मियों के परिवार वालों ने बताया कि पहले यहां की महिलाएं शाम के समय अपने- अपने बच्चों को यहां लेकर आती थीं और बच्चे यहां खेलते कूदते थे. महिलाएं यहां बैठकर आपस में बातचीत भी किया करती थीं. मनोरंजन के इस साधन को फिर से बच्चों के लिए रेलवे कर्मचारियों द्वारा स्टेशन प्रबंधन से लेकर मंडल के अधिकारियों के पास गुहार लगाई गई है लेकिन अब तक इसपर कोई ठोस व सकारात्मक पहल नहीं की जा सकी है.

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