ऋषभ नगर स्थित नवकार भवन में चल रहे चातुमार्स प्रवचन श्रंखला के तहत आचार्य विजयराज नेे कहा कि भाईदूूूज का पर्व दायित्वोंं का बोध करानेे वाला पर्व हैैै . भाईदूज पर सांसारिक भाई-बहन परस्पर एक दूूूूूसरे के प्रति स्नेेेह को विभिन्न माध्यमोंं सेे व्यक्त करते हैैं. यह पर्व व्यक्ति को अपनी बहन के प्रति अपने दायित्वों की याद दिलाता है. चिंतनशील, गम्भीर व दूरदर्शी गुणों वाला व्यक्ति सदा अपने कर्तव्यों व दायित्वों के प्रति सजग रहता है. आचार्यश्री नेे कहा कि आज के दिन बहन सदा भाई के लिए यही दुआ करती है कि भाई को वह उसके परिवार मेें सदा मंगल बना रहे.
चिंतनशील, गम्भीर व दूरदर्शी गुणों वाला व्यक्ति सदा अपने कर्तव्यों व दायित्वों के प्रति सजग रहता है. आचार्यश्री नेे कहा कि आज के दिन बहन सदा भाई के लिए यही दुआ करती है कि भाई को वह उसके परिवार मेें सदा मंगल बना रहे.
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