भिलाई, 23 अक्टूबर 2019- नगर पालिक निगम भिलाई और बीएसपी के बीच संपत्तिकर को लेकर चल रहा तकरार हाईकोर्ट जा पहुंचा था । जिसके बाद हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई की जा रही थी। आज इसकी सुनवाई समाप्त हो चुकी है। हाईकोर्ट ने अब 19 नवंबर को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की है। इस्पात संयंत्र को नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने 504 करोड़ 47 लाख रुपए के सम्पत्ति कर जमा कराने का नोटिस जारी किया था। और 30 सितंबर तक जमा नही काराने पर कुर्की की कार्यवाई के निर्देश दिए थे। लेकिन इस मामले पर भिलाई इस्पात संयंत्र ने हाईकोर्ट में निगम के इस वारंट के खिलाफ याचिका दायर की और अब इस याचिका पर सुनवाई समाप्त हो चुकी है । 19 नवंबर को हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीएसपी प्रबंधन के वकील ने अपने तरफ से बीएसपी के सार्वजनिक स्थलों को छूट के दायरे में बताकर संपत्तिकर के विवरण में जानकारी देने की बात कही । वही निगम के वकील ने भी अपना पक्ष रखते हुए पूर्व निर्धारित कर के आधार पर संपत्ति कर का बकाया होना बताया है।
बीएसपी और निगम के बीच क्या है विवादभिलाई नगर निगम और बीएसपी के बीच सम्पत्तिकर, जलकर, भवन अनुज्ञा, और स्वविवरणी में गलत जानकारी देने को लेकर विवाद हाईकोर्ट पहुंचा है। अब 19 नवम्बर को ही इसका फैसला होगा, कि बीएसपी निगम को कितना सम्पत्तिकर देगी। वहीं निगम ने बीएसपी प्रबन्धन को लगभग 504 करोड़ रुपए की राशि जमा करने का नोटिस थमाया है। फिलहाल इस मामले पर बीएसपी और निगम के अधिकारी कुछ बोलने से बच रहे हैं।बीएसपी का तर्क - निगम सार्वजनिक स्थलों के लिए मांग रहा है प्रॉपर्टी टैक्स बीएसपी के अनुसार बीएसपी एक सार्वजनिक उपक्रम है हॉस्पिटल ,स्कूल, सीआईएसफ जैसे संस्थानों को जमीन व भवन दिया गया है। नगर निगम उसके बाद भी प्रॉपर्टी टैक्स मांग रहा है जो कि यह अनुचित है इस पर व्यष्टि को छूट मिलनी चाहिए।निगम का तर्क - इसके साथ ही निगम का कहना है कि बीएसपी हॉस्पिटल स्कूल भवन, मैत्री बाघ जु बीएसपी द्वारा हर सुविधा का शुल्क ले रहा है।
बीएसपी और निगम के बीच क्या है विवाद
भिलाई नगर निगम और बीएसपी के बीच सम्पत्तिकर, जलकर, भवन अनुज्ञा, और स्वविवरणी में गलत जानकारी देने को लेकर विवाद हाईकोर्ट पहुंचा है। अब 19 नवम्बर को ही इसका फैसला होगा, कि बीएसपी निगम को कितना सम्पत्तिकर देगी। वहीं निगम ने बीएसपी प्रबन्धन को लगभग 504 करोड़ रुपए की राशि जमा करने का नोटिस थमाया है। फिलहाल इस मामले पर बीएसपी और निगम के अधिकारी कुछ बोलने से बच रहे हैं।
बीएसपी का तर्क - निगम सार्वजनिक स्थलों के लिए मांग रहा है प्रॉपर्टी टैक्स बीएसपी के अनुसार बीएसपी एक सार्वजनिक उपक्रम है हॉस्पिटल ,स्कूल, सीआईएसफ जैसे संस्थानों को जमीन व भवन दिया गया है। नगर निगम उसके बाद भी प्रॉपर्टी टैक्स मांग रहा है जो कि यह अनुचित है इस पर व्यष्टि को छूट मिलनी चाहिए।
निगम का तर्क - इसके साथ ही निगम का कहना है कि बीएसपी हॉस्पिटल स्कूल भवन, मैत्री बाघ जु बीएसपी द्वारा हर सुविधा का शुल्क ले रहा है।
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