रामजन्मभूमि पर सुनवाई के 35 वां दिन, अब भगवान राम की कुंडली पर उठे सवाल

नई दिल्ली 01.10.2019,  संविधानपीठ के जज जस्टिस बोबड़े ने परासरन से पूछा कि 'क्या ज्योतिष में श्रीराम के जन्म के वक़्त को लेकर भी कुछ कहा गया है?' परासरन ने कुछ इतिहासकारों का हवाला दिया जिन्होंने श्रीराम के जन्म के वक़्त को लेकर टिप्पणी की थी। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बीच बहस में दखल देते हुए कहा कि मेरे सारे ग्रह राहु और केतु के बीच हैं। मेरा बुरा वक़्त चल रहा है। शनि भी मुझ पर भारी है। भारत में ज्योतिष विज्ञान सूर्य और चंद्र और जन्म के सही वक्त पर आधारित है। 

हम ग्रहों की गति के मुताबिक हर रोज की घटनाओं को लेकर भविष्यवाणी करते हैं लेकिन क्या भगवान राम के केस में ऐसा है? क्या हमें उनके जन्मस्थान और जन्म की तारीख के बारे में पुख्ता तौर पर कुछ पता है। नहीं ना! रामलला के वकील परासरन ने राजीव धवन की दलील का जवाब देते हुए कहा की रामनवमी का त्यौहार श्रीराम के जन्मदिन के तौर पर देश भर में मनाया जाता है। लेकिन ये त्यौहार अयोध्या यानि भगवान राम के जन्म स्थान पर नहीं मनाया जाता। लिहाज़ा राम जन्मस्थान पर  मंदिर बनना ज़रूरी है ताकि वहां जन्मदिन मनाया जाना जा सके।

'भगवान राम पैदा हुए, इसलिए वह जगह पवित्र'

परासरन के जवाब के बाद वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने मुस्लिम पक्ष के दलीलों का जवाब देना शुरू किया। वैद्यनाथन ने कहा कि जब एक बार साबित हो गया कि वहाँ पर भगवान राम का जन्म हुआ था तो वहां पर किसी भी मूर्ति की ज़रूरत नही है। जब किसी ज़मीन को किसी खास मकसद के लिए समर्पित किया जाता है, तो वह जगह न्यायिक व्यक्ति बन जाती है, इसे दैव्य होने की ज़रूरत नहीं। वैद्यनाथन ने दलील दी कि क्योंकि भगवान राम वहां पैदा हुए थे, इसलिए वह जगह अपने आप में ही पवित्र और पर्याप्त है।वैधनाथन ने दलील दी कि मुस्लिम पक्ष ASI की रिपोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं।

जब मुख्यन्यायाधीश हुए नाराज़

आज की सुनवाई जब पूरी होने को थी। रामलला विराजमान के वकील सीएस वैधनाथन ने ASI की खुदाई में मिली दीवार के बारे में कोर्ट को बता रहे थे। जिस पर मुस्लिम पक्ष की तरफ़ से राजीव धवन और मीनाक्षी अरोड़ा ने आपत्ति जताई। राजीव धवन और मीनाक्षी अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट को नक्शे के जरिए ये साबित करने की कोशिश की कि जिस दीवार को वैद्यनाथन एक कमरे की दीवार बता रहे हैं वो दलील गलत है। इस पर मुख्यन्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 'मैने बार बार कहा है कि जब एक पक्ष दलील दे रहा है तो दूसरा पक्ष अवरोध पैदा नहीं करेगा। ऐसे सुनवाई नहीं होगी!' मुख्यन्यायाधीश की नाराज़गी के बाद मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने बेंच से माफी मांगी उसके बाद फिर वैद्यनाथन ने अपनी दलीलें शुरू कीं। वैधनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए पूरा समय मिला था लेकिन अब मैं उनका जवाब दे रहा हूँ तो वह बीच में टोक रहे हैं। कल यानी बुधवार को कोर्ट में गाँधी जयंती  की छुट्टी है। अयोध्या मामले में अब गुरुवार को सुनवाई होगी। शिडयूल के मुताबिक हिन्दू पक्षकारों को अपना जवाब गुरुवार तक पूरा करना है।

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